विधानसभा में भाई-भतीजावाद के तहत 72 लोगों की बैकडोर भर्ती का मामला क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के गले की फांस बन गया है। पहले कांग्रेस कार्यकर्ता आरएसएस के स्थानीय कार्यालय बायोडाटा लेकर भर्ती के लिए आवेदन के साथ पहुंचे थे। अब उत्तराखंड जनएकता पार्टी के नेता कनक धनई ने भी भर्ती में अनियमितताओं को लेकर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शुक्रवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत कनक धनई अपने समर्थकों के साथ कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के हरिद्वार रोड स्थित निजी आवास का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पहले से ही उन्हें रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया था,बावजूद इसके धनई चकमा देकर मंत्री प्रेमचंद के आवास तक पहुंच गए। इसकी भनक पुलिस को लगी, तो तमाम पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में पुलिसकर्मी मंत्री के आवास पर पहुंचे, जिसके बाद कनक धनई समेत आठ समर्थकों को हिरासत में लेकर पुलिस टीम आईडीपीएल चौकी ले गई।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 151 में मामला दर्ज कर उन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। इस बीच कनक धनई ने कैबिनेट मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए। विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए विवेकाधीन कोष के इस्तेमाल में गड़बड़झाले का भी जिक्र किया। धनई ने भर्ती की जांच होने तक नैतिकता के आधार पर उनका इस्तीफा मांगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। घेराव के प्रयास के दौरान नेशनल हाईवे से लेकर अग्रवाल के आवास के आसपास की सड़कों पर अफरा-तफरी जैसा माहौल नजर आया।