झूलाघाट में बनेगा नेपाल को जोड़ने वाला सबसे बड़ा मोटर पुल

Update: 2023-08-23 11:23 GMT
उत्तराखंड: भारत और नेपाल के रिश्तों में भले ही कुछ कड़वाहट आई हो, लेकिन अब इस कड़वाहट को पुलों के जरिए दूर किया जा रहा है. उत्तराखंड में नेपाल से भारत का 275 किलोमीटर का इंटनेशनल बॉर्डर सटा है. इतने बड़े बॉर्डर पर अब तक गाड़ियों की आवाजाही के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था जो चंपावत जिले के बनबसा में है लेकिन अब पिथौरागढ़ से भी लगे इस बॉर्डर पर कई रास्तों की तलाश तेज हो गई है.
दरअसल उत्तराखंड से नेपाल आवाजाही के लिए तीन नए मोटर पुल बनने जा रहे हैं. धारचूला के छारछूम में तो मोटर पुल का निर्माण कार्य इस साल पूरा होने की उम्मीद भी है. इसके अलावा चंपावत के कलढुंगा और पिथौरागढ़ के झुलाघाट में मोटर पुलों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. नए पुल बनने से उत्तराखंड से नेपाल के लिए चार जगहों से वाहनों के जरिए आवाजाही हो सकेगी अब तक केवल चंपावत के बनबसा से ही नेपाल के लिए गाड़ी चलती है.
पिथौरागढ़ पीडब्ल्यूडी के एसई ऐबी कांडपाल ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि भारत और नेपाल को जोड़ने वाले तीनों मोटर पुल महाकाली नदी पर बनने हैं जिसमें सबसे बड़ा पुल पिथौरागढ़ के झुलाघाट में बनेगा जिसकी लंबाई 500 मीटर और चौड़ाई करीब 10 मीटर होगी इसके अलावा धारचूला के छारछूम में करीब 100 मीटर का एक पुल निर्माणाधीन है. साथ ही उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ के अलावा चंपावत के कलढुंगा में बनने वाले पुल की लंबाई 400 मीटर है और चौड़ाई 10 मीटर है. तीन नए पुलों के निर्माण के बाद भारत और नेपाल के बीच के संबंध और मजबूत होंगे जिससे सीमावर्ती क्षेत्र के कारोबारी को भी विशेष लाभ मिलेगा.
चंपावत और पिथौरागढ़ जिले से लगी नेपाल सीमा में तीन नए पुल बनने से व्यापारिक गतिविधियों व रोटी बेटी के संबंधों को मजबूती मिलेगी इसके अलावा दोनों देशों की साझी संस्कृति को भी बढ़ावा मिल सकेगा दरअसल कलढूंगा स्थित परशुराम घाट में उत्तरायणी पर हर साल बड़ा मेला लगता है. जिसमें नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं. नेपाल के स्थानीय नागरिक और व्यापारी दीपेंद्र कार्की बताते हैं कि अभी मेले में शामिल होने के लिए नेपाल के लोग नाव के सहारे भारत पहुंचते हैं पुल बन जाने के बाद नेपाल के सभी श्रद्धालुओं को भारत पहुंचने में सहूलियत मिलेगी।
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