आम जनता भुगत रही नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने का खामियाजा
नायब तहसीलदार का पद रिक्त
ऋषिकेश: पछुवादून तहसील में लंबे समय से नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने का खामियाजा आम जनता भुगत रही है। तहसीलदार का दायित्व भी प्रभारी तहसीलदार निभा रहे हैं। तहसील का क्षेत्रफल और जनसंख्या अधिक होने पर यहां आने वाली जनता को अपने काम के लिए कई दिनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं। 697 वर्ग किमी में फैले पछुवादून तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तीन निकाय और 143 राजस्व गांव शामिल हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार तहसील की कुल आबादी 3,17,482 है, जिसमें से शहरी आबादी 52,459 और ग्रामीण आबादी 2,65,023 है। तहसील क्षेत्र में लगभग 62,160 घर (परिवार) हैं, जिनमें 10,805 शहरी घर और 51,355 ग्रामीण घर शामिल हैं। वर्ष 2011 के बाद से अब तक यहां आबादी के करीब तीस प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
बड़ी आबादी वाली तहसील होने के बावजूद यहां बीते दो वर्ष से नायब तहसीलदार का पद रिक्त है, जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। तहसीलदार कोर्ट में ही सैकड़ों वाद लंबे समय से लंबित पड़े हुए हैं। इसके साथ ही जमीनों और अन्य परिसंपत्तियों के दाखिल खारिज होने में भी लंबा समय लग रहा है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पास दाखिल खारिज, न्यायालय, वसीयत, जमीनी विवाद समेत अभिलेखों का रखरखाव और प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी होती है। दोनों पदों पर अधिकारियों की तैनाती होने पर आपस में जिम्मेदारी बांट दी जाती है। लेकिन यहां नायब तहसीलदार का पद रिक्त होने से जनता को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। वीआईपी ड्यूटी से काम ठप तहसीलदार की एक माह से आठ से दस दिन वीआईपी ड्यूटी लगती है। ऐसे में तहसीलदार कार्यालय और कोर्ट दोनों पर ताला लटक जाता है। दूर दराज के क्षेत्रों से काम के सिलसिले में आने वाले लोगों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ता है।
लेखपालों की कमी से भी जूझ रही तहसील
पछुवादून तहसील लेखपालों की कमी से भी जूझ रही है। यहां लेखपाल के 28 पदों के सापेक्ष मात्र 12 लेखपाल तैनात हैं, जिससे चलते ग्रामीणों के राजस्व संबंधी काम प्रभावित होते हैं। पछुवादून बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कांडपाल, अधिवक्ता राकेश शर्मा ने बताया कि दाखिल खारिज और जमीन संबंधी अन्य कामों के साथ ही तहसीलदार कोर्ट में चल रहे वादों के निस्तारण में देरी हो रही है। तहसील में लंबे समय से नायब तहसीलदार की नियुक्ति नहीं होने से जनता के कामों के साथ ही प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते हैं। लिहाजा नायब तहसीलदार की नियुक्ति के लिए जिला मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।