Om Parvat से गायब हुई प्रसिद्ध 'ऊं' की आकृति

Update: 2024-08-26 12:59 GMT
उत्तराखंड Uttarakhand: हिंदू धर्म में कई ऐसे पवित्र स्थल हैं जो अपनी चमत्कारी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक अमरनाथ की गुफा है, जहाँ हर साल बर्फ के प्राकृतिक संयोग से शिवलिंग का निर्माण होता है। लाखों भक्त हर साल इस अद्भुत चमत्कार के दर्शन के लिए कई किलोमीटर लंबा और कठिन मार्ग तय कर अमरनाथ पहुंचते हैं। ठीक इसी प्रकार, उत्तराखंड के Pithoragarh जिले में स्थित ओम पर्वत भी एक विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस पर्वत पर हर साल बर्फ के संचय से 'ऊं' की आकृति बनती है। यह पर्वत चीन सीमा से लगे लिपुलेख दर्रे के पास स्थित है। इस अनूठी बर्फ की आकृति के कारण ही इस पर्वत को ओम पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस स्थल की अद्वितीयता और धार्मिक महत्व के कारण यह जगह भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
पहली बार गायब हो गई ऊं' की आकृति
History में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि ओम पर्वत पर बर्फ से बनने वाली 'ऊं' की आकृति गायब हो गई है। इस साल ओम पर्वत पर 'ऊं' की आकृति नहीं बनी है, जो पहले हर साल बर्फ के संचय से बनती थी। विज्ञानियों के अनुसार, इस बदलाव के पीछे ग्लोबल वार्मिंग मुख्य वजह है। इसके साथ ही, यहां पर पर्यटन की बढ़ती गतिविधियां भी इस स्थिति में योगदान दे रही हैं। पर्यटन के बढ़ने से यहां सड़कें बनाई जा रही हैं और यात्रियों की सुविधा के लिए कई संरचनाएं स्थापित की जा रही हैं। इन निर्माण गतिविधियों के कारण हिमालय क्षेत्र के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे बर्फ की आकृतियों का निर्माण प्रभावित हो रहा है।
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