हल्द्वानी: नाजुक हालत युवक को बस से उतारने वाले चालक-परिचालक की मुश्किलें कम जुरूर हुईं, लेकिन खत्म नहीं हुई। युवक की मौत के बाद दोनों पर हत्या और लूट का केस दर्ज किया गया था। इस आरोप से दोनों को मुक्ति तो मिल गई, लेकिन लापरवाही से मौत का मामला अब भी बरकरार है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट 50 एमएल जहर की वजह से मौत की पुष्टि हुई थी। आवास विकास रुद्रपुर निवासी भावता पत्नी विनय कुमार सक्सेना ने बीते अप्रैल माह में हल्द्वानी कोतवाली में केस दर्ज कराया था। भावना के मुताबिक 26 अप्रैल को उनके बेटा उत्कर्ष आनंद विहार बस अड्डा दिल्ली से रुद्रपुर के लिए निकला था। वह बस में सवार था, जिसे रियासत अली नाम का चालक चला रहा था।
रास्ते में उत्कर्ष की तबीयत बिगड़ गई, लेकिन बस के चालक-परिचालक ने मदद नहीं की। उत्कर्ष को रुद्रपुर उतरना था, लेकिन चालक उसे हल्द्वानी ले गया और बेहद गंभीर अवस्था में छतरी चौराहे पर फेंक गए। इतना ही नहीं आरोपी ने उत्कर्ष का वीडियो भी बनाया। बाद में उसे कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। आरोप था कि उत्कर्ष के बैग से 48 हजार रुपये गायब थे। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ लूट और हत्या का केस दर्ज किया गया।
पूरे मामले की विवेचना में लूट और हत्या की बात साबित नहीं हुई। यह तथ्य सामने आया कि उत्कर्ष की मौत 50 एमएल जहर के सेवन से हुई। पहले शक था कि जहरखुरानों की यह हरकत हो सकती है, लेकिन पुलिस ने माना कि इतनी मात्रा में जहरखुरानों द्वारा जहर दिया जाना संभव नहीं है। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि चालक-परिचालक अगर समय से उत्कर्ष को अस्पताल पहुंचाते तो उसकी जान बच सकती थी। पुलिस की चार्जशीट में दोनों की लापरवाही सामने आई है।