हरिद्वार न्यूज़: गुरुकुल कांगड़ी विवि के कन्या गुरुकुल परिसर में गौरैया जागरूकता व्याख्यान में डॉ सेठी ने बताया कि गौरैया की घटती संख्या आज किसी राज्य अथवा देश विशेष तक सीमित नहीं है, अपितु आज यह एक अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुकी है.
डॉ. सेठी के अनुसार भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सेंट पीटरबर्ग, लंदन, डबलिन, कनाडा, एडिनबर्ग, जर्मनी, हैम्बर्ग, मास्को, ब्रिस्टल, पोलैंड, रॉटरडम आदि क्षेत्रों में इसकी संख्या घटी है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में इसकी आबादी में 68 से 90 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. लंदन के सेंट्रल सिटी से इसकी पूरी तरह विलुप्त होने की खबर सुर्खियों में है. 1980 की तुलना में नीदरलैंड में इसकी आबादी 50 प्रतिशत तक घट चुकी है. भारत देश के अनेक भागों में भी इसकी संख्या में गिरावट एक गंभीर चिंता का विषय है. ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि सरकार एवं शोध संस्थानों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी गौरैया संरक्षण में अपना सक्रिय योगदान देना चाहिए.
भौतिकी विभाग एवं सूक्ष्मजीव जीव विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में छात्राओं के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के पर्यावरणीय जागरूकता प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ विनय सेठी बतौर विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे. परिसर-समन्वयक प्रोफेसर श्यामलता जुयाल ने कहा कि गौरैया पक्षी की अनदेखी नहीं की जा सकती है. भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ऋचा सैनी ने कहा कि गौरैया पक्षी के घर-आंगन में वापसी के लिए समाज में चेतना बढ़ी है.