नगालैंड में हुए गोलाबारी में टिहरी के जवान गौतम हुए शहीद, जनवरी में जाने वाले थे घर
गोलाबारी में टिहरी के जवान गौतम हुए शहीद
नगालैंड के मोन जिले में मजदूरों पर गलत पहचान की वजह से शनिवार को सुरक्षाबलों द्वारा की गई कथित गोलीबारी के बाद हुए बलवे में उत्तराखंड के रहने वाले सेना के जवान गौतम लाल शहीद हो गए. टिहरी जिले के कीर्तिनगर की उपजिलाधिकारी सोनिया पंत ने सोमवार को बताया कि उन्हें गौतम लाल के नगालैंड में शहीद होने की सूचना मिली है. जिले के नौली गांव के निवासी गौतम लाल पैराशूट रेजीमेंट की 21 वीं बटालियन में पैराट्रूपर के पद पर तैनात थे.
पांच भाइयों में सबसे छोटे गौतम लाल 2018 में सेना में भर्ती हुए थे. शहीद गौतम लाल के पिता रमेश लाल और भाई सुरेश ने बताया कि सेना ने रविवार को उन्हें फोन पर उनके घायल होने की सूचना दी थी.
शहीद गौतम लाल का अंतिम संस्कार होगा उनके पैतृक गांव में
शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को जौलीग्रांट देहरादून लाया गया. आज पार्थिव शरीर एम्स ऋषिकेश में रहेगा और मंगलवार को पैतृक गांव पहुंचाया जाएगा. जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
जनवरी में जाने वाले थे गौतम घर
गौतम अविवाहित थे. वो अक्टूबर में एक महीने की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे. गौतम लगभग हर दो दिन के अंतराल में घर में फोन करके माता-पिता और परिजनों का हाल पूछते थे. शुक्रवार को भी उनका फोन आया था. उन्होंने जनवरी में घर आने की बात की थी.
ये है पूरी घटना
नगालैंड में सुरक्षा बलों की फायरिंग की दो घटनाओं में 13 कोयला खान मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 11 घायल हो गए हैं. पुलिस ने बताया कि फायरिंग की पहली घटना शनिवार की शाम गलत पहचान के कारण हुई, जिसमें मजदूरों को युंग ऑन्ग गुट के उग्रवादी समझकर सैनिकों ने गोलियां चला दी. इस घटना में छह मजदूरों की मौत हुई.
जब ये सभी मजदूर घर नहीं लौटे तो स्थानीय युवा और गांव वाले उनकी तलाश में निकले. जिसके बाद गांववालों ने सेना की गाड़ियों को घेर लिया. इस हिंसा में एक जवान की मौत हो गई और सेना की गाड़ियों को आग लगा दी गई. भीड़ से बचने के लिए सैनिकों ने फिर गोली चलाई, जिसमें 7 और स्थानीय लोगों की मौत हो गई. घायलों में दो की हालत गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी भेजा गया है.