नैनीताल न्यूज़: जल संस्थान को निकायों के अधीन करने की तैयारियों का कर्मचारियों और पेंशनर्स ने विरोध किया. उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के नेतृत्व में उन्होंने जल भवन में प्रदर्शन के साथ सीजीएम का घेराव भी किया गया.
जल संस्थान को निकायों के अधीन करने की तैयारियों के विरोध में प्रदेशभर से कर्मचारी दून स्थित जल भवन पहुंचे. यहां पहले मुख्यालय में नारेबाजी कर विरोध जताया गया. फिर सीजीएम नीलिमा गर्ग का घेराव किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि शासन ने ऐसा किया तो कर्मचारी तुरंत हड़ताल पर चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित प्रभावित नहीं होने दिए जाएंगे.
संगठन के महामंत्री रमेश बिंजौला ने कहा कि बार-बार संस्थान को कमजोर करने वाले फैसले लिए जा रहे हैं. निकायों के हालात पहले ही खराब है. यदि इन्हीं को पेयजल की जिम्मेदारी दी जाएगी, तो पेयजल सिस्टम भी ठप हो जाएगा.
विरोध जताने वालों में अध्यक्ष संजय जोशी, रमेश बिंजौला, धन सिंह नेगी, श्याम सिंह नेगी, शिशुपाल लाल सिंह रावत,लालसिंह रौतेला,संदीप मल्होत्रा, मनोज सक्सैना,रमेशचंद्र आर्य, सरिता नेगी,मणिराम व्यास,अमित कुमार,नत्थी सिंह बिष्ट, अशोक, हरदयाल, राजेश कुमार, विजय शाह, धूम सिंह सोलंकी, आशीष तिवारी, सतीश पारछा, रामेश्वर डोभाल, संपूर्ण सिंह, आनंद सिंह रावत, रामचंद्र सेमवाल, लालबहादुर थापा, सीएस चौहान, रेनू राणा, बीना, एसएस रावत, सुदेश रामअवध नंदलाल, रोशन लाल, प्रेम सिंह रावत, बासुदेव राणा, घनानंद थपलियाल आदि मौजूद रहे.
सचिव पेयजल से मिलकर जताया विरोध कर्मचारियों और पेंशनर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने सचिव अरविंद सिंह हंयाकी से भी मुलाकात कर विरोध जताया. पूर्व सीजीएम एसके गुप्ता, पेंशनर्स संगठन अध्यक्ष विरेंद्र नेगी, रमेश बिंजौला ने कहा कि सरकार को यदि इसी तरह के बार बार प्रयोग करने हैं, तो बेहतर होगा कि पेयजल को राजकीय विभाग बना दिया जाए. इसके बाद सरकार किसी भी तरह का प्रयोग कर सकती है.