बेटे तो धन दौलत के लोभी

Update: 2022-08-27 07:48 GMT

बेटे धन दौलत के लोभी, बेटी सुख-दुःख की साथी,

फिर क्यों नही ये बात समझ में आती।।

बेटे तो मां-बाप की दौलत के आगे-पीछे भागे,

सदा रहे खुशहाल मां-बाप, बेटी यही दुआ मांगे।।

बेटी होती घर की रौनक,

समाज कहां समझता यह बातें,

बेटी को कोई समझ न पाते,

बेटी हो तो मार डालते।।

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ,

समाज न समझे यह बातें।।

दीक्षा बोरा

पिंगलो, गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

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