नैनीताल न्यूज़: नैनीताल जिले के 20 हजार से अधिक किसानों को फिर बड़ा झटका लगा है. मार्च में बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा सरकार इस बार भी नहीं देगी. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार किसानों की गेहूं, मसूर, चना, लाई और सरसों की फसलों को केवल 15 से 20 प्रतिशत ही नुकसान हुआ है.
नियमानुसार नुकसान 33 फीसदी से अधिक होने पर ही मुआवजा दिया जाता है. इसलिए इस बार भी किसानों को नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाएगा. इससे पहले अक्तूबर में हुई बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा भी सरकार ने नहीं दिया था. उस समय क्षेत्रीय विधायकों ने दोबारा सर्वे करवाते हुए मुआवजा वितरण की बात कही थी. पर न तो दोबरा सर्वे हुआ और न मुआवजा ही किसानों को मिल पाया. ऐसे में इस बार भी किसानों को बड़ा झटका लगा है. इससे इलाके के किसानों में काफी नाराजगी है. अभी कुछ इलाकों से फाइनल सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो पाई है. ऐसे में प्रशासन तक पूरी रिपोर्ट पहुंचने में कुछ दिन लगेंगे.
धारी में मटर को 50 फीसदी नुकसान
बारिश से मटर की फसल का नुकसान धारी क्षेत्रा में ज्यादा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार धारी के चूरीगाढ, पुटगांव, कुलौरी, पोखरी, बबियाड, दूधली, अमदो, कालागढ़ी क्षेत्र में मटर की फसल को 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा कोटाबाग, राननगर आदि क्षेत्रों में भी नुकसान की रिपोर्ट है. करीब एक हजार किसान इससे प्रभावित हुए हैं. फाइनल रिपोर्ट बनाकर जल्द ही प्रशासन को भेज दी जाएगी.
सर्वे में पता चला है कि बीते दिनों हुई बारिश के किसानों की गेहूं, मसूर, चना, लाई और सरसों की फसलों में 15 से 20 फीसदी ही नुकसान हुआ है. इसलिए इतने कम नुकसान पर मुआवजा नहीं दिया जाता. धारी में मटर की फसल 50 फीसदी तक खराब होने की बात सामने आई है. अन्य क्षेत्रों में फाइनल रिपोर्ट आते ही इस संबंध में आगे कार्रवाई की जाएगी.
- विकेस यादव, मुख्य कृषि अधिकारी