सर्विस सेक्टर पॉलिसी खोलेगी बड़े ग्रुप के होटल-स्कूल की राह
उत्तराखंड की पहली सर्विस सेक्टर पॉलिसी में सरकार ने प्रमुख रूप से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर किया फोकस
देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में बड़े स्कूल, अस्पताल, होटल और वेलनेस सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार ने सर्विस सेक्टर पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. प्रदेश में पहली बार लाई गई इस पॉलिसी में प्रमुख रूप से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर फोकस किया गया है.
सचिवालय में कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत सेवा क्षेत्र में बड़े निवेश पर फोकस किया जाएगा. विदित है कि यहां की जलवायु पर्यटन और वेलनेस के लिहाज से मुफीद है. कई बड़े ग्रुप निवेश के इच्छुक हैं. लिहाजा, सरकार स्कूल-अस्पताल के साथ वेलनेस और टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए नई पॉलिसी लेकर आई है. इससे शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफे के साथ योग, खेल, फिल्म निर्माण, आईटी और कौशल विकास की सुविधाओं के विकास में भी नए निवेशक आ सकेंगे.
पॉलिसी में इन सेक्टरों पर फोकस
अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, होटल, कन्वेंशन सेटर, वेलनेस सेंटर और रिजॉर्ट, योगा सेंटर, फिल्म एंड मीडिया सेंटर, आईटी, डाटा सेंटर, कौशल विकास सेंटर, स्पोर्ट्स सेंटर एवं अन्य सर्विस सेक्टर से जुड़ी परियोजनाएं.
25%
नई सर्विस सेक्टर पॉलिसी में निवेश पर सरकार ने 25 तक कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान किया है. ये सब्सिडी निवेशक को दस वर्ष तक मिलेगी. हालांकि, निवेशक को सब्सिडी तभी मिलेगी, जब वह प्रोजेक्ट की स्थापना निजी जमीन पर करता है. सरकार ने इस परियोजना की स्थापना सरकारी जमीन पर करने को भी मंजूरी दी है. इसके लिए निवेशक को 90 साल की लीज लेनी होगी.
इन्वेस्टर्स समिट में मिल सकेगा फायदा
सरकार दिसंबर में इन्वेस्टर्स समिट कराने जा रही है. इससे पहले लाई गई इस पॉलिसी को निवेश बढ़ाने की दृष्टि से खासा अहम माना जा रहा है. विदित है कि सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के जरिए ढाई लाख करोड़ से अधिक के निवेश का लक्ष्य रखा है. ऐसे में सर्विस सेक्टर पॉलिसी इस लक्ष्य को हासिल करने में खासी कारगर साबित हो सकती है.
सर्विस सेक्टर पॉलिसी में छोटे प्रोजेक्ट नहीं आएंगे
नई पॉलिसी के तहत सरकार की ओर से दी जाने वाली रियायतों का लाभ तभी मिल पाएगा, जब निवेशक सरकार से तय सीमा के अनुसार निवेश करेगा. पहाड़ और मैदान में निवेश के लिए अलग अलग सीमा तय की गई है. सरकार का प्रयास है कि नई पॉलिसी के तहत मैदान के साथ पहाड़ पर भी नई परियोजनाएं स्थापित हों. इसके लिए पहाड़ में निवेश की सीमा में छूट भी दी गई है.
पहाड़-मैदान में निवेश की अलग सीमा
सेक्टर मैदान पहाड़
स्वास्थ्य 200 करोड़ 25 करोड़
होटल 200 करोड़ 100 करोड़
वेलनेस सेंटर 100 करोड़ 50 करोड़
योग सेंटर 50 करोड़ 25 करोड़
स्कूल 50 करोड़ 25 करोड़
कॉलेज 100 करोड़ 50 करोड़
यूनिवर्सिटी 200 करोड़ 100 करोड़
फिल्म सिटी 100 करोड़ 50 करोड़
खेल गतिविधि केंद्र 50 करोड़ 25 करोड़
आईटी सेक्टर 100 करोड़ 50 करोड़