भर्ती विवाद में चयनित युवाओं का सेवाकाल एक साल घटा

Update: 2023-03-24 06:19 GMT

नैनीताल न्यूज़: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों को लेकर उठे विवाद के कारण कम से कम तीन परीक्षाओं में चयनित युवाओं का सेवाकाल एक साल घट गया है. एक वर्ष पहले परिणाम जारी होने के बावजूद आयोग अब तक इनकी नियुक्ति की सिफारिश नहीं कर पाया है.

आयोग ने आशुलिपिक-व्यैक्तिक सहायक के 161 पदों के लिए गतवर्ष 30 मार्च को अंतिम परिणाम जारी किया था. इसके बाद चयनित युवाओं की सत्यापन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, अब मात्र नियुक्ति की सिफारिश की जानी है. लेकिन इस बीच भर्ती विवाद के चलते यह प्रक्रिया एक साल से अटकी हुई है. इस कारण चयनित युवाओं का सेवाकाल ठीक एक साल कम हो गया है. देरी का असर यह हुआ कि इस बीच कई विभाग अपने यहां स्टैनोग्राफर के पद भी घटा चुके हैं. इसी तरह 752 पदों के लिए हुई कनिष्ठ सहायक लिखित परीक्षा का परिणाम भी आयोग गत 29 अप्रैल को जारी कर चुका है. गत वर्ष ही 30 मई और एक जून को इन पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट भी हो चुका है. पर भर्ती विवाद के चलते इस परीक्षा का अंतिम परिणाम भी जारी नहीं हो पाया है. भर्ती विवाद के बाद आयोग ने इन परीक्षाओं की आंतरिक जांच भी कराई थी, जिसमें भर्ती में गड़बड़ी नहीं पाई गई. इसके बाद भी नियुक्ति न होने से युवाओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि आयोग के नए परीक्षा नियंत्रक हिमांशु कफल्टिया ने इसी सप्ताह ज्वाइन कर लिया है. अब अटकी परीक्षाओं पर तेजी से काम होगा. आयोग एक सप्ताह में उक्त परीक्षाओं पर निर्णय लेने की स्थिति मे होगा.

पैटर्न बदलने से अभ्यर्थियों को होगा नुकसान: जुगरान

भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने कहा कि पीसीएस का सिलेबस यूपीएससी पैटर्न पर करने से पहले इसके लाभ और नुकसान की पड़ताल की जानी चाहिए. उन्हाेंने कहा कि इससे उत्तराखंड के युवाओं को नुकसान हो सकता है. उन्होंने इस बाबत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ज्ञापन भी दिया. इस पर उन्हें इसका परीक्षण कराने का आश्वासन मिला.

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