हरिद्वार: हरिद्वार के जिला क्षय रोग अस्पताल में गंभीर टीबी के मरीजों के उपचार को मिलने वाली दवा खत्म हो गई है. इससे 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
जिला क्षय रोग अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. शादाब सिददकी ने बताया कि टीबी के प्रारंभिक चरण के बाद मरीज गंभीर चरण में पहुंच जाते हैं. जिसे एमडीआर टीबी (मल्टी ड्रग रेसिटेंट) कहा जाता है. उन्होंने बताया कि इस गंभीर अवस्था में मरीज को प्रारंभिक अवस्था में दी जाने वाली दवा असर करना बंद कर देती है. ऐसे में एमडीआर टीबी के मरीजों को अलग दवा दी जाती है. अस्पताल में गंभीर अवस्था में दी जाने वाली दवा खत्म हो चुकी है. जिसके चलते जिले के 235 एमडीआर टीबी से ग्रसित मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है. डॉ. शादाब ने बताया कि जिले में करीब 6500 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है. एमडीआर टीबी के मरीजों की संख्या जिले में 235 है. दवा के मांग पत्र अधिकारियों को भेजा गया है.