धामी कैबिनेट में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर, सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

Update: 2023-08-03 18:39 GMT
देहरादून (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता ने आज उत्तराखंड बिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में इन मुख्य बिंदुओं पर कैबिनेट की सहमति बनी। ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार के द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी। उसे आज तक लागू नहीं किया गया था, जिसे आज कैबिनेट बैठक में लागू किया गया। 12 प्रतिशत बिजली की बजाय अब 13 प्रतिशत बिजली जल विधुत परियोजनाओं से 1प्रतिशत जो अतरिक्त बिजली सरकार को मिलेगी उस पैसे से जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोगो को दिया जाएगा। वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकार को बढ़ाया गया है।
मसूरी क्षेत्र को पूरा एक तहसील बनाये जाने की मंजूरी। पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत नई नियमावली को दी गई मंजूरी। नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष होने पर मुहर। लघु सिंचाई विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव 75 की जगह 85 फ़ीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने को मंजूरी। पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी, 2 पद हुए स्वीकृत, 8700 ग्रेड पे के दो 2 पद हुए स्वीकृत। 13 पीपीएस पदों को कैबिनेट ने मंजूरी दी। पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के लिए बढ़ाई गई प्रति कृत्रिम गर्भाधान पर राशि। उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया।
एमएसएमई विभाग की नई पॉलिसी में बदलाव किया गया। पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ाई गई सब्सिडी। मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ में ज्यादा रखी गई है सब्सिडी। कौशल विकास के तहत टाटा कम्पनी भी देगी आईटीआई संस्थानों में ट्रेनिंग। मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित होंगे आईटीआई संस्थान। सरकार के साथ मिलकर टाटा ग्रुप चलाएगा। आईटीआई संस्थान चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी विकास करेगी। हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। 6 महीने में डीपीआर बन जाएगी।
अब सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने फैसला लिया। उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को कैबिनेट ने मंजूरी दी। उच्च शिक्षा विभाग के तहत छात्र वृत्ति योजना में संशोधन किया गया। अब फैकल्टी के अनुसार 10 प्रतिशत छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मंजूरी मिली।
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