26 अप्रैल तक बंद किया गया स्कूल,इलाकों में बाघ के आतंक का प्रभाव

बाघ पिंजरे में कैद होने में कामयाब नहीं हो पाया है।

Update: 2023-04-24 14:29 GMT

जनता से रिश्ता बेबडेस्क | उत्तराखंउ |  के इस जिले में बाघ के आतंक से लोग काफी परेशान हैं। वन विभाग की कई कोशिशों के बाद भी बाघ पिंजरे में कैद होने में कामयाब नहीं हो पाया है। बाघ के आतंक का सीधा-सीधा असर अब स्कूली छात्रों पर भी पड़ने लगा है। बाघ के आतंक की वजह से बाघ प्रभावित इलाकों में 26 अप्रैल तक स्कूलाें को बंद करने का आदेश जारी किया है।

रिखणीखाल क्षेत्र के बाघ प्रभावित गांवों डल्ला, जुई पापड़ी में बाघ की लगातार मूवमेंट के बावजूद वन विभाग के ट्रैक्यूलाइज दल द्वारा बाघ को ट्रैक्यूलाइज करने में नाकामी ही हाथ लगी है। जबकि डीएम ने सुरक्षा के तहत क्षेत्र के स्कूलों को 26 अप्रैल तक बंद करने के निर्देश दिए हैं।

रिखणीखाल के डल्ला गांव व दो दिन बाद नैनीडांडा के सिमरी तल्ली भैड़गांव में बाघ ने एक एक व्यक्ति को मार दिया था। इसके बाद डीएम पौड़ी व वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि समस्या का समाधान जल्दी ही कर लिया जाएगा, लेकिन हफ्ते भर बाद भी बाघ पकड़ में नहीं आ सका।

धरातल पर स्थिति और अधिक विकट होती जा रही है। ट्रैक्यूलाइज करने के लिए लगी टीम ट्रैक्यूलाइज करने में असफल रही है। लगातार क्षेत्र में बाघ दिखाई देने के बावजूद तैनात की गई टीम कुछ नहीं कर पा रही है। इससे ग्रामीणों में भय के साथ ही विभाग व शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।

नैनीडांडा क्षेत्र के लोगों में भी लगातार बाघ की दहशत बनी हुई है। वन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली व बाघ को पकड़ने में असफलता से लोगों में आक्रोश है। लोगों ने मांग की है कि बाघ को जल्द पकड़ा जाए। 

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