‘नमकवाली’ ब्रांड के नाम से देशभर में पहाड़ के ‘पिस्यूं लूण’ (पिसा हुआ नमक) का जायका बिखेर रही शशि बहुगुणा रतूड़ी आज उत्तराखंड में खूब नाम कमा रही है। पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित ग्वाड़ी की रहने वाली शशि बहुगुणा रतूड़ी अपनी इस कामयाबी का बड़ा श्रेय अपने पति और परिवार के साथ ही सोशल मीडिया को भी मानती है। वर्तमान में वह देहरादून के थानो क्षेत्र में काम कर रही हैं।
उनके साथ 15 महिलाएं ‘पिस्यूं लूण’ तैयार कर अपनी आर्थिकी को संवार रहीं हैं। ‘नमकवाली’ ब्रांड से जुड़कर पहाड़ के कई गांवों की महिलाएं और किसान भी मोटा अनाज, दाल, मसाले और बदरी घी बेच रहे हैं। शशि बहुगुणा रतूड़ी ने अपने इस सफर के बारे में बताया...
सवाल: ‘नमकवाली’ ब्रांड खड़ा करने के पीछे क्या कहानी है? कहां से शुरू हुआ था ये सफर?
जवाब: शुरुआत में हम लोग पहाड़ी गीत और मांगल गीत गाते थे। इन्हीं गीतों के अभ्यास के दौरान अक्सर एक महिला घर से लूण पीसकर लाती थी, जो हम सबको बेहद पसंद आता था। महिलाएं उससे रोज नमक मंगवाया करती थी। बस यहीं से मुझे पिस्यूं लूण को देश-दुनिया तक पहुंचाने का विचार आया। तीन महिलाओं के साथ लूण पीसने का काम शुरू किया और बिक्री के लिए सोशल मीडिया की मदद ली। धीरे-धीरे नमक की मांग बढ़ने लगी और आज वह महीनेभर में एक कुंतल किलो पिस्यूं लूण बेच रही हैं।
सवाल: कितने साल हो गए हैं इस व्यवसाय को शुरू हुए और सोशल मीडिया से कैसे मदद मिली?
जवाब : हमने 2018 में इस पहाड़ी नमक को बनाने की शुरुआत की थी। 2020 में हमने अपनी वेबसाइट बनाई। साथ ही, इसे अमेजन पर भी बेचना शुरू किया। हमारे बनाए नमक को खरीदने वाले हमारे राज्य के लोग नहीं है, बल्कि बाहरी राज्यों के हैं और उन तक पहुंचने का रास्ता सोशल नेटवर्क बना। फेसबुक, वेबसाइट के जरिए लोगों की डिमांड हम तक पहुंची। अगर हमने सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं किया होता तो आज हम अपने काम को देशभर तक नहीं पहुंचा पाते।
सवाल: पहाड़ी नमक के साथ ही क्या और उत्पाद भी आप बनाती हैं?
जवाब : जी हां, पहले हम केवल पहाड़ी नमक ही बनाते थे, लेकिन फिर हमने कई और उत्पाद इसमें शमिल किए। अदरक फ्लेवर, लहसुन फ्लेवर और मिक्स फ्लेवर नमक बनाने के साथ ही मैजिक मसाले, अरसे, रोट, अचार, भी बनाते हैं। इसके अलावा बदरी गाय के दूध से तैयार घी और मैजिक मसालों की भी जबरदस्त मांग है।