Rudraprayag: द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को किया जाएगा विकसित

Update: 2024-09-07 13:30 GMT
Rudraprayag रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को भी विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में पंचकेदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित किया जाएगा। इसके साथ केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को किया जाएगा विकसित
मीडिया प्रभारी बीकेटीसी हरीश गौड़ ने बताया कि शासन के धर्मस्व व संस्कृति विभाग के अनु सचिव रमेश सिंह रावत द्वारा इस संबंध में संस्कृति विभाग के निदेशक को अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मद्महेश्वर धाम के विकास और गौरीकुंड स्थित मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था से डीपीआर तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए बीकेटीसी से समन्वय स्थापित करते हुए डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।
धाम के विकास से क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा रोजगार
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मद्महेश्वर धाम के विकास और मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण की योजना को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा की मद्महेश्वर धाम के विकास की योजना से वहां श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। इसके साथ ही इस से क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
मद्महेश्वर में शिव की नाभि रूप की होती है पूजा
बता दें कि 3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मद्महेश्वर धाम रुद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ विकास खंड में स्थित है। मद्महेश्वर पहुंचने के लिए श्रद्वालुओं को करीब 14 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। पंच केदारों में से द्वितीय केदार के रूप में मद्महेश्वर धाम की मान्यता है।
यहां भगवन शिव के नाभि रूप की पूजा होती है। मंदिर का प्रबंधन बीकेटीसी देखती है। इसी प्रकार मां गौरी का मंदिर केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर स्टेशन गौरीकुंड में स्थित है। केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्वालु मां गौरी के दर्शनों के बाद अपनी यात्रा पर निकलते हैं। इसका प्रबंधन भी बीकेटीसी के पास है।
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