नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में खुलासा, उत्तराखंड में 50 फीसदी बच्चों के शरीर में खून की कमी
हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने रिपोर्ट जारी की जिसमें एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है।
टिहरी गढ़वाल: हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने रिपोर्ट जारी की जिसमें एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। उत्तराखंड के आधे से ज्यादा बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं। जी हां, यह हाल तो तब है जब बीते 4 वर्ष में कुपोषण से निपटने के लिए राज्य में 8 से ज्यादा योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उत्तरकाशी, हरिद्वार और यूएस नगर यह 3 जिले हैं जहां पर स्थिति सबसे अधिक खराब है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य करने वाली बात यह है कि सरकार 4 वर्षों में कुपोषण से निपटने के लिए जिन आठ ज्यादा योजनाओं का संचालन कर रही है इन योजनाओं में हर साल औसतन 250 करोड रुपए से अधिक खर्च हो रहे हैं मगर उसके बावजूद भी उत्तराखंड में आधे से ज्यादा बच्चों के अंदर खून की कमी है जो कि एक बेहद चिंताजनक विषय है।नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 12,169 घरों की 13,280 महिला और 1586 पुरुष से बातचीत के आधार पर यह अध्ययन किया गया है। सर्वे में 5 वर्ष तक के 18 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम पाया गया है जबकि 56.8% बच्चों के अंदर खून की कमी पाई गई है। उत्तरकाशी, हरिद्वार और यूएस नगर में तो हालात बेहद बुरे हैं। उत्तरकाशी में 73.6 फीसदी बच्चे एनीमिया से जूझ रहे हैं। तो वहीं हरिद्वार, यूएसनगर, चमोली और टिहरी में 69 फीसदी से ज्यादा बच्चों के अंदर खून की कमी है। वहीं पिथौरागढ़ चंपावत और बागेश्वर की स्थिति इन जिलों से काफी बेहतर है। पिथौरागढ़ में 36.2 फीसदी चंपावत में 43.1 फीसदी और बागेश्वर में 43.7 फीसदी बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं।