नैनीताल न्यूज़: उत्तराखंड में केंद्रीय सेवाओं के रिटायर्ड अफसर भी राज्य स्वास्थ्य योजना से बाहर कर दिए गए हैं. अब इन्हें भी केंद्रीय सेवा के अफसरों की भांति इलाज के बाद चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी.
विदित है कि प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए स्टेट हेल्थ स्कीम लागू की है. इसके तहत कर्मचारियों को श्रेणीवार मासिक प्रीमियम के आधार पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है. इस स्कीम में उत्तराखंड के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को रखा गया था पर पहले केंद्रीय सेवा के अधिकारी इस योजना से बाहर हुए और अब इन सेवाओं के रिटायर्ड अधिकारी भी इस योजना से अलग कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर.राजेश कुमार की ओर से इसके आदेश किए गए हैं.
आदेश के अनुसार, केंद्रीय सेवाओं के रिटायर्ड अफसर एवं उनके आश्रितों को इलाज के बदले चिकित्सा प्रतिपूर्ति की दी जाएगी. इस आदेश के बाद अब राज्य में कार्यरत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के साथ ही इन सेवाओं से रिटायर हुए अफसरों को भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की ही सुविधा दी जाएगी और इन्हें राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत शामिल नहीं किया जाएगा.
आपात स्थिति में 75 प्रतिशत तक अग्रिम भुगतान की सुविधा
सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार,
अखिल भारतीय सेवाओं के रिटायर अफसरों को
आपात स्थिति में इलाज के लिए अनुमानित खर्च
का 75 तक अग्रिम भुगतान किया जा सकता है
ताकि उपचार में कोई अड़चन न आए. विदित है कि
राज्य में चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिलों के भुगतान में
कई बार काफी समय लग जाता है. इससे कई
बार इलाज लटकने तक की नौबत आ जाती है.