उत्तराखंड | छात्र महासंघ के कार्यक्रम में सरेआम छात्रनेताओं को लाठी मारने और कॉलर पकड़कर दबंगई दिखाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी लामबंद हो गए हैं. को एसएसपी प्र‘‘ाद नारायण मीणा से मिलकर पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने लाठी चलाने वालों को हटाने की मांग की. कहा कि कॉलेज में छात्रनेताओं के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एसएसपी ने उन्हें मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं नैनीताल कांग्रेस जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल की अगुवाई में पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी एसएसपी से बहुउद्देशीय भवन स्थित कार्यालय में मुलाकात करने पहुंचे. उनके साथ पीड़ित पूर्व छात्रसंघ उपसचिव करन अरोड़ा भी रहे. करन ने एसएसपी को बताया, छात्र महासंघ के कार्यक्रम के दौरान बीते उनके साथ पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज की. उन्हें कॉलर पकड़कर जमीन पर गिराकर डंडे मारे गए. राहुल छिमवाल ने कहा, छात्रसंघ चुनाव के दौरान छात्र राजनीतिक गतिविधियां होना आम बात है. प्रत्येक छात्रनेता कॉलेज और वहां के छात्रों के हक में आवाज उठाता है. लेकिन पुलिस का उन्हें उनके ही कॉलेज में जाकर सरेआम पीटना ठीक नहीं है. इस तरह का व्यवहार निंदनीय है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए न कि, छात्र नेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करना चाहिए. पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. मयंक भट्ट ने आरोप लगाया कि इस तरह का कुचक्र रचकर छात्र राजनीति को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. छात्रनेताओं की आवाज का डंडे के बल पर नहीं दबाया जा सकता है. पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने एसएसपी से छात्रनेताओं पर लाठीचार्ज करने, उनका कॉलर पकड़कर दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के तबादले की मांग उठाई. यहां एनएसयूआई के पूर्व छात्रसंघ महासचिव मलय बिष्ट, पूर्व छात्रसंघ सचिव योगेंद्र बिष्ट, पूर्व दर्जाधारी हाजी सोहेल सिद्दीकी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लवेंद्र चिलवाल रहे.