हरिद्वार न्यूज़: भीमगोड़ा रामलीला मैदान को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने निगम की भूमि पर होने वाली रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. खसरा नंबर दो और 172 पर यह रोक रहेगी. इसकी जद में 175 से अधिक मकान आ रहे है. इसमें भीमागोड़ा रामलीला मैदान के पीछे का हिस्सा शिवगढ़ और रेलवे लाइन से रामगढ़ तक लगता हुआ इलाका शामिल है. रामलीला भवन को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है. एक पक्ष ने कमेटी के खिलाफ धरना देते हुए भवन को सीलिंग करने की मांग की थी. निगम ने कार्रवाई करते हुए रामलीला मैदान पर बनी अवैध पार्किंग को सील कर दिया था. जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है. दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है. पूर्व में धरने पर बैठी महिला तरुणा चोपड़ा सीलिंग की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थी. सीलिंग की कार्रवाई के बाद रामलीला समिति की ओर से भी महिलाओं की शिकायत की गई. जिस पर एमएनए दयानंद सरस्वती ने यह फैसला लिया है.
प्रेस वार्ता में उठाए थे सवाल- श्रीराम नाट्य के संस्थान के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने पत्रकार वार्ता कर रामलीला मैदान भीमगोड़ा की मेला भूमि से अतिक्रमण हटवाने की मांग की है. उन्होंने अतिक्रमणकारियों की ओर से की जा रही भूमि बिक्री पर रोक लगाने की भी प्रशासन से मांग की थी. उन्होंने बताया कि जून 2007 को कुंभ क्षेत्र नियंत्रण एवं व्यवस्था समिति की ओर से प्राधिकरण सचिव को अवगत कराया गया है कि भीमगोड़ा स्थित रामलीला मैदान का उपयोग कुंभ मेलों के दौरान स्वास्थ्य शिविर और फायर स्टेशन के लिए किया जाता है. ऐसे में इस भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण गैर कानूनी है. बताया कि पूर्व में अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने के प्राधिकरण की ओर से आदेश जारी किए गए लेकिन आज तक ध्वस्त नहीं हो पाया. को नगर निगम की ओर से की गई कार्रवाई को भी उन्होंने गलत बताया. कहा कि नजूल भूमि के प्रबंधन का अधिकार प्राधिकरण को है ऐसे में नगर निगम की टीम की ओर से अवैध पार्किंग बता तालाबंदी किया जाना गलत है.
एमएनए के आश्वासन पर अनशल टला
संस्था के सदस्य नगर निगम में आमरण अनशन करने के लिए गए थे. संस्था के पूर्व मंत्री हरिमोहन वर्मा अनशन पर बैठ रहे थे. तभी नगर आयुक्त ने पूर्व पार्षद लखन चौहान, पवन कुमार, अशोक चौहान, प्रशांत शर्मा आदि ने मुलाकात की और अपनी मांग बताई. जिस पर एमएनए ने उन्हें आश्वस्त किया और उन्होंने अपना अनशन टाल दिया.
लोगों ने चार- चार बार बेच दी निगम की जमीन
निगम इस जमीन को अपनी बताता है. कोर्ट में रामलीला कमेटी के साथ विवाद भी चल रहा है. शिवगढ़ में कई जमीन ऐसी भी है जिसकी चार, चार बार रजिस्ट्री कर दी गई है. कई मकान बिक चुके है. अब इसपर सख्ती की जा रही है.
जमीन निगम की है, शिकायत मिली है कि लोग इस जमीन की रजिस्ट्री कर रहे हैं. खसरा नंबर 172 और दो की स्थित जमीन की रजिस्ट्री पर रोक के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा जा रहा है.
- दयानंद सरस्वती, एमएनए