उत्तरकाशी के ज्ञानजा गांव में 8 साल बाद रामलीला शुरू, ग्रामीणों में उत्साह नजर आया
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सटे वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर बसे वरुणाघाटी के ज्ञानजा गांव में 8 साल बाद एक फिर से रामलीला का शुभारंभ किया गया. ज्ञानजा गांव के युवा रामलीला की परंपरा को दोबारा पुनर्जीवित कर संस्कृति के संवाहक के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
जनता से रिश्ता। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सटे वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर बसे वरुणाघाटी के ज्ञानजा गांव में 8 साल बाद एक फिर से रामलीला का शुभारंभ किया गया. ज्ञानजा गांव के युवा रामलीला की परंपरा को दोबारा पुनर्जीवित कर संस्कृति के संवाहक के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. 8 साल बाद गांव में आयोजित रामलीला को देखने के लिए ग्रामीण उत्साहित नजर आ रहे हैं. रामलीला के पहले दिन रावण दरबार सहित तप लीला ने दर्शकों का जमकर मन मोहा है.
वरुणावत के ज्ञानजा गांव में 8 साल बाद रामलीला का शुभारंभ किया गया है. श्री युवा आदर्श रामलीला समिति की ओर रामलीला शुरू की गई है. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में गांव की मां ज्वाला की देवडोली, मटिक ढोल देवता और पांच पांडवों के सानिध्य में ग्राम प्रधान ममलेश भट्ट सहित क्षेत्र पंचायत सदस्य तनुजा नेगी, वॉर्ड सदस्यों और महिला मंगल दल अध्यक्ष एवं रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने रामलीला का पहले दिन का रिबन काटकर शुभारंभ किया.
रामलीला के पहले दिन रावण, कुंभकर्ण, विभीषण सहित ब्रह्मा और नारद-रावण संवाद सहित शिव पार्वती संवाद, रावण-शिव संवाद ने दर्शकों का मन मोहा. वहीं, रावण दरबार में मौजूद रावण दूतों की हस्यकला ने दर्शकों को जमकर गुदगुदाया.