रानीखेत स्थित रोडवेज डिपो में चालक-परिचालकों के पद खाली, कई रूटों पर बस सेवा ठप

Update: 2023-02-25 14:24 GMT

रानीखेत: नगर स्थित जिले के सबसे बड़े रोडवेज डिपो की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही। डिपो से पुराने चालक सेवामुक्त होते जा रहे, लेकिन उनके स्थान पर नई नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं, जिसके चलते नियमित बस सेवाओं पर इसका सीधा असर पड़ रहा।

वर्तमान में यहां 22 चालकों और 15 परिचालकों के पद खाली हैं। जिस कारण पहाड़ी रूटों पर अधिकतर सेवाएं ठप पड़ी हैं, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें टैक्सियों में महंगे दर पर सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा।

रानीखेत स्थित रोडवेज डिपो कभी बड़े डिपो में शुमार था, जहां 65 बसों का बेड़ा था। लेकिन धीरे-धीरे इस डिपो की हालत बदतर होने लगी और वर्तमान में यहां केवल 26 बसें ही बची हैं। इनको चलाने के लिए भी चालक परिचालकों की भारी कमी है। डिपो से 5 बसें दिल्ली के लिए नियमित रूप से संचालित हैं।

अल्मोड़ा, द्वाराहाट, चौबटिया, बागेश्वर, पिथौरागढ़ सहित कई जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए यहां से संचालन नहीं हो पा रहा है। डिपो में चालकों के 41 पदों में से 22 और परिचालकों के 47 में से 15 पद खाली हैं। इसके साथ ही सहायक महाप्रबंधक का पद भी 2 साल से खाली पड़ा है। अल्मोड़ा की महाप्रबंधक के पास यहां का प्रभार है। पिछले 10 महीने से सीनियर फोरमैन भी नहीं है, जिसके चलते डिपो की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही।

वर्तमान में मैं रानीखेत एआरएम का प्रभार देख रहा हूं। रोडवेज के रानीखेत डिपो में चालक, परिचालक, फोरमैन सहित कई पद खाली पड़े हैं। इन्हें भरने के लिए हर महीने निगम प्रबंधन को पत्र भेजते रहते हैं।

-राजेंद्र कुमार, एआरएम, रोडवेज अल्मोड़ा 

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