दुष्कर्म मामले पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई

15 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले देहरादून की पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर बीस हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है.

Update: 2021-12-02 12:45 GMT

जनता से रिश्ता। 15 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले देहरादून की पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर बीस हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की रकम से 15 हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे. जुर्माना नहीं देने पर दोषी को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि मामला देहरादून को शहर कोतवाली क्षेत्र का है. 24 जनवरी 2020 की रात को दोषी रजत नाबालिग को बहला-फुसलाकर मुंबई के बदलापुर ले गया था. वहां अपने एक रिश्तेदार के यहां दोषी ने नाबालिग के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए. दोषी रजत काफी दिनों तक नाबालिग का यौन उत्पीड़न करता रहा. लड़के के साथ हो रहे हत्याचार को देखते हुए दोषी के रिश्तेदारों ने ही पीड़िता के घरवालों और देहरादून पुलिस संपर्क किया और उन्हें मामले की जानकारी दी.

मामले की जानकारी मिलते ही लड़की के परिजन और देहरादून पुलिस मुंबई पहुंचे और लड़की को बरामद किया. पुलिस ने 28 जनवरी 2020 को रजत को गिरफ्तार कर अपने साथ देहरादून ले आई. देहरादून में पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष रजत के खिलाफ 161 और 164 के बयान दर्ज कराए गए. उसी के आधार पुलिस ने रजत के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 3/4 (दुष्कर्म) और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.
शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि करीब दो सालों तक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. पीड़िता समेत 6 गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रजत को दोषी माना और उसे 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. जबकि नाबालिग लड़की को घर से बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में 3 साल की सजा भी कोर्ट ने सुनाई है. ऐसे में आरोपी को कुल 12 साल की सजा भुगतनी होगी.


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