सादे आलू ने फीकी की पहाड़ी आलू की मिठास

Update: 2023-09-20 11:15 GMT

नैनीताल: बाजार में आलू खूब बिक रहा है, लेकिन मैदानी इलाकों में कोल्ड स्टोरेज से आ रहे आलू ने पहाड़ी इलाकों में जैविक आलू की मिठास कम कर दी है. मैदानी इलाकों से आने वाला आलू पहाड़ी आलू की तुलना में सस्ता होता है, जिससे इसकी मांग अधिक होती है. ऐसे में पहाड़ी आलू की मांग घट गई है और इससे किसानों को नुकसान भी हो रहा है.

आलू फल आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि इस समय कहीं भी आलू की पैदावार नहीं हो रही है। कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू ही बाजारों में आ रहा है, जबकि पहाड़ी इलाकों का आलू कोल्ड स्टोरेज में नहीं रखा जा रहा है. इसे पूरी तरह से जैविक तरीके से उगाया गया है. इस कारण इसकी कीमत सादे आलू से अधिक है. यह खाने में भी ज्यादा स्वादिष्ट होता है. मंडी सचिव दिग्विजय सिंह देव ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में पर्वतीय क्षेत्र से 1324 क्विंटल आलू मंडी में आया है। जबकि मैदानी इलाकों से 3617 क्विंटल आलू मंडी में पहुंचा।

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