नैनीताल न्यूज़: काठगोदाम हैड़ाखान मार्ग पर ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर सफर करने को मजबूर हैं. सड़क पर लगातार पहाड़ी से आ रहे मलबे के कारण लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बाद भी भी मार्ग पर चलना खतरनाक साबित हो रहा है. रुक-रुक कर गिर रहे मलबे से बने कीचड़ में वाहन रपट रहे हैं. खतरा इतना बना हुआ है कि जरा सी चूक होने पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
120 गांवों की 50,000 की आबादी की लाइफ लाइन कही जाने वाली काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भूस्खलन प्रभावित स्थल पर खतरों से भरा है. मार्ग पर धंसाव वाली जगह पर बीते दिनों एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गया. वहीं हर दिन यहां से गुजरने वाले दोपहिया वाहनों के लिए चढ़ाई पार करना मुश्किल हो रहा है. प्रभावित स्थल पर बाइक से चढ़ाई पार करने की कोशिश करने पर चालक लगातार रपट रहे हैं. इसके साथ पैदल चल रहे लोग व दोपहिया वाहन से सड़क पार कर रहे लोगों के कपड़े कीचड़ से खराब हो रहे हैं. हर दिन सैकड़ों लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर यहां से आवागमन कर रहे हैं. करीब एक साल बाद भी समस्या का समाधान न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बना है. लोनिवि के मुख्य अभियंता महिपाल सिंह रावत ने बताया मार्ग पर एक जेसीबी को स्थाई तौर पर रखी गई है. जिसकी मदद से मार्ग पर आ रहे मलबे को हटाया जा रहा है.
मरीज को ला रही एंबुलेंस भी तीन घंटे फंसी रही
हैड़ाखान मार्ग पर दोपहर में मलबा आने से मरीज को ला रही एक एंबुलेंस भी तीन घंटे तक फंसी रही. जेसीबी की मदद से मलबा हटाने के बाद किसी तरह बीमार को अस्पताल पहुंचाया गया. हर दिन ऐसे ही हालात बने से रहने से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही जरूरी राशन के वाहन भी घंटों सड़क बंद होने से फंस रहे हैं.