कुत्तों में फैल रहा पार्वो वायरस

Update: 2023-04-22 14:57 GMT

हल्द्वानी: इन दिनों पालतू व आवारा कुत्तों में पार्वो वायरस तेजी से फैल रहा है। चिकित्सकों की मानें तो इन दिनों का मौसम इस रोग के संक्रमण को बहुत तेजी से फैला रहा है। शहर के कालाढूंगी रोड स्थित पशु अस्पताल में रोजाना 40 से 50 पशु प्रेमी आपने पालतू कुत्तों को इलाज के लिए ला रहे हैं। पार्वो के बाद कैनाइन डिस्टेंपर और हीट स्ट्रोक के केस भी अस्पताल में पहुंच रहे हैं।

यहां तैनात पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके पाठक ने बताया कि इस वायरस से ग्रसित कुत्तों में खून की उल्टी या दस्त होना मुख्य लक्षण है। बताया कि जिन कुत्तों में ऐसा लक्षण मिले उसके मालिक को तत्काल उसका खाना पानी रोक देना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए कुत्तों को स्लाइन चढ़ाया जाता है तथा उसके साथ एंटी वायरल और एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं। यह वायरस काफी तेजी से फैलता है तथा समय पर इलाज नहीं मिलने से कुत्तों के लिए जानलेवा भी हो जाता है।

क्या होता है पार्वो वायरस: डा.पाठक बताते हैं कि इस रोग के चलते कुत्ते की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है और आंतों में रक्त और प्रोटीन का रिसाव होता है। श्वेत रक्त कोशिका का स्तर गिर जाता है, जिससे कुत्ता और कमजोर हो जाता है। इस कारण उसकी मौत भी हो सकती है। पार्वो वायरस से संक्रमित कुत्ते में 3 से लेकर 10 दिनों के बाद ही इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। आपका कुत्ता सुस्त महसूस कर सकता है। उसे उल्टी, बुखार भी हो सकता है। दस्त लग सकते हैं और समान्य तौर पर खून वाले उल्टी-दस्त हो सकते हैं। भूख कम लगेगी और उसका वजन तेजी से घटने लगेगा।

कैसे करें सुरक्षा: यदि आपके पालतू को पार्वो हो जाए तो यह बेहद गंभीर बीमारी है, इसलिए लक्षणों के आधार पर उसका इलाज किया जाता है। हर साल इसकी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए, पपीज को 6-8 सप्ताह की उम्र से वैक्सीन लगनी शुरू हो जाती है, जब तक 16 सप्ताह के नहीं होते हैं, तब तक 3-4 सप्ताह में बूस्टर डोज लगते हैं। एडल्ट होने पर हर साल बूस्टर डोज लगवानी चाहिए। 45 दिन का होने पर टीकाकरण जरूर कराएं, पालतू को हमेशा हवादार जगह में रखें, पीने के लिए साफ पानी दें और गर्मियों के मौसम में खास देखभाल करना जरूरी है। 

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