देहरादून। अगर आपने भी अपने नाबालिग बच्चों को स्कूटी-बाइक थमाई हुई है, तो इस खबर को इग्नोर करने की गलती न करें। पिछले दिनों नैनीताल में नाबालिग बाइक सवार की गलती से हुए हादसे में एक युवक की जान चली गई थी, जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया।
अब देहरादून में भी ट्रैफिक पुलिस ने दोपहिया वाहन चलाने वाले नाबालिग छात्र-छात्राओं के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। अभियान के पहले दिन 10 छात्र-छात्राओं को स्कूटी-बाइक दौड़ाते हुए पकड़ा गया। इन सभी के वाहन सीज कर दिए गए, साथ ही 25-25 हजार रुपये का चालान काटा गया। चालान का निस्तारण कोर्ट के सामने होगा। ऐसे मामलों में छात्र के अभिभावक या गाड़ी मालिक को तीन साल की जेल का प्रावधान भी है। ट्रैफिक पुलिस और सीपीयू की टीमों ने सेंट जोसेफ, सेंट थॉमस, ग्रेस अकेडमी और एशियन स्कूल के आसपास अभियान के तहत कार्रवाई की।
यहां जो भी नाबालिग छात्र वाहन चलाते दिखे, उन्हें रोक लिया गया। सभी के वाहन जब्त कर लिए गए, चालान भी किया गया। पुलिस की इस कार्रवाई से नाबालिग छात्रों और अभिभावकों में हड़कंप मचा है। बता दें कि एमवी एक्ट के तहत नाबालिग के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। तीन साल की सजा भी हो सकती है। सीज वाहन का पंजीकरण 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा नाबालिग का लर्निगं लाइसेंस भी तब तक नहीं बन सकेगा, जब तक कि वह 25 साल की आयु पूरी नहीं कर लेता। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी की शिकायत मिलने पर डीजीपी अशोक कुमार ने दोपहिया वाहन चलाने वाले नाबालिग बच्चों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।