पंतनगर विवि के छात्र यौन उत्पीड़न पर जमकर भड़के

Update: 2022-12-12 14:43 GMT

रुद्रपुर क्राइम न्यूज़: पंतनगर विश्वविद्यालय चिकित्सक द्वारा एक छात्रा के यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ प्रकरण में विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने विवि प्रशासन पर मामले को दबाने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पंतनगर सभागार में राज्यपाल की बैठक की ओर कूच कर दिया। जिसकी भनक लगते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर छात्रों को रोकने का प्रयास किया। जिसके चलते सैकड़ों छात्र -छात्राओं ने मौके पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि हंगामे की खबर मिलते ही जहां आरोपी चिकित्सक फरार हो गया। वहीं, एसएसपी ने मौके पर आकर विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन विद्यार्थी नहीं माने।

पांच दिसंबर को पंतनगर विवि की एक छात्रा ने थानाध्यक्ष पंतनगर को तहरीर देकर बताया कि पिछले कुछ दिनों से उसकी तबीयत खराब थी। आराम नहीं मिलने पर वह विवि के डॉ. दुर्गेश कुमार के पास दवाई लेने गई थी। आरोप था कि चिकित्सक ने मुख्य केबिन से हटकर उसे दूसरे कमरे में बुलाया और चिकित्सकीय परीक्षण के नाम पर उसे यूरिन इन्फेक्शन की बात कहते हुए उसके प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ शुरू कर दी। आरोप था कि चिकित्सक ने किसी से चर्चा करने पर उसका भविष्य खराब करने की धमकी भी दी। साथ ही छात्रा ने चिकित्सक पर दुष्कर्म किए जाने का भी आरोप लगाया था। छात्रा की तहरीर पर पंतनगर पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। पिछले एक सप्ताह से चिकित्सक पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर अचानक विवि के छात्र-छात्राओं का गुस्सा भड़क गया और राज्यपाल द्वारा पंतनगर में बैठक की भनक लगते ही सैकड़ों की तादात में विद्यार्थियों ने राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल की ओर कूच कर दिया। इससे पुलिस के हाथ-पांव फूल गए और पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर विद्यार्थियों को रोका, जिससे गुस्साए विद्यार्थियों ने सभागार के सामने ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने विद्यार्थियों को समझाने की भरसक कोशिश की। लेकिन, कई घंटे तक विद्यार्थियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी का विद्यार्थियों को आश्वासन दिया। जिसके बाद पुलिस टीम ने चंद घंटों में आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद विद्यार्थियों का गुस्सा शांत हुआ।

विवि प्रशासन पर उठाए सवाल: पंतनगर विवि में छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न प्रकरण को लेकर विद्यार्थियों ने पंतनगर प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि सोमवार से लेकर दूसरा सोमवार आ चुका है। बावजूद इसके पंतनगर विवि जांच कमेटी ने अपनी कार्रवाई को तेज क्यों नहीं की। साथ ही पुलिस प्रशासन को सूचना क्यों नहीं देने दी। कॉलेज की कमेटी में विद्यार्थियों को शामिल करने, विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वच्छ माहौल देने, पुलिस व विद्यार्थियों के मध्य सामंजस्य बनाने की मांग की। उनका कहना था कि संवेदनशील मामले को भी प्रशासन ने हल्के में लिया।

नहीं पहुंचे कुलपति, राज्यपाल से भी नहीं मिलने दिया: विवि की एक छात्रा से यौन उत्पीड़न प्रकरण को लेकर भड़के विद्यार्थियों के आक्रोश के बाद भी विवि के कुलपति धरना स्थल पर नहीं पहुंचे। जिसको लेकर विद्यार्थियों में काफी ज्यादा गुस्सा देखने को मिला। छात्रों के काफी देर तक राज्यपाल से मिलने की कोशिश के दौरान यदि कुलपति तत्काल मौके पर पहुंच जाते तो शायद विद्यार्थियों के गुस्से को शांत किया जा सकता था। जिसको लेकर विद्यार्थियों ने कुलपति के धरना स्थल पर आने और राज्यपाल से मिलने की जिद पकड़ ली और धरनास्थल पर डटे रहे।

हंगामा होते ही बंद किए विवि के मुख्य गेट: छात्रा से यौन उत्पीड़न प्रकरण को लेकर जैसे ही सोमवार को विद्यार्थियों का गुस्सा फूटा तो सबसे पहले पंतनगर विवि के सुरक्षा विभाग ने विवि के सभी मुख्य गेट बंद करवा दिए। हंगामे की खबर मिलते ही जब मीडिया कर्मी विवि गेट पर पहुंचे तो मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया गया और आने वाले राहगीरों का प्रवेश भी वर्जित हो गया। बताया जा रहा है कि विद्यार्थियों की भीड़ ने सुबह 11 बजे के करीब राज्यपाल से मिलने की कोशिश की थी। हंगामा शुरू होते ही साढ़े ग्यारह बजे विवि के गेट बंद कर दिए गए। सवाल यह उठता है कि विवि को सुरक्षा की इतनी चिंता थी तो एक सप्ताह से छात्रा प्रकरण को दबाने की क्या जरूरत थी।

डीजीपी की पत्नी व कॉलेज की डीन को देख सतर्क हुई पुलिस: छात्रा के साथ छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर उतरे विद्यार्थियों को समझाने के लिए डीन एवं डीजीपी की पत्नी को देख पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया। हुआ यूं कि जब भरकस प्रयास के बाद भी विद्यार्थियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो इसी दौरान कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी विभाग की डीन व डीजीपी की पत्नी अलकनंदा अशोक मौके पर पहुंची और विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश करने लगी।

डीजीपी की पत्नी को देख पुलिस बल सतर्क हो गया और तुरंत पुलिस के कई जवान धरना स्थल की ओर दौड़ पड़े। इस दौरान डीजीपी की पत्नी ने धरना स्थल पर विद्यार्थियों के बीच बैठ कर उनकी मांग को सुना और काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन, गुस्साए विद्यार्थी नहीं माने।

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