पंतनगर विश्वविद्यालय को नगर पालिका से मिलाने का विरोध

Update: 2023-01-27 14:40 GMT

पंतनगर:  पंतनगर में शुक्रवार को आयोजित बैठक में पंतनगर विश्वविद्यालय को नगर पालिका में मिलाने का विरोध किया गया। हरिद्वार से पहुंचे राज्य आंदोलनकारी एवं केंद्रीय उपाध्यक्ष चौ. वृजवीर सिंह द्वारा दल के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ सदस्यों आनंद सिंह असगोला, एमसी पाण्डे, जीवन नेगी, सरदार हरजाप सिंह, राकेश चौहान, भूपेश, नरेश जोशी, महेंद्र कुमार, रवि तिवारी, दया गुप्ता, संतोष शर्मा, हेमा देवी, गंगा देवी, आलोक वर्मा ने प्रस्तावित नगला नगर पालिका में विश्वविद्यालय पंतनगर को नहीं मिलाये जाने एवं संगठन को मज़बूत करने के सम्बन्ध में चर्चा की।

केंद्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रस्तावित नगर पालिका नगला जिसमें पंतनगर विश्वविद्यालय को भी सम्मलित करते हुए शहरी विकास अनुभाग उत्तराखंड शासन द्वारा अनन्तिम अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें 20 वार्ड बनाने की सूची प्रकाशित की गई है, उसमें लगभग 15 वार्ड विवि क्षेत्र में आते हैं।

लगता है विवि क्षेत्र ही जैसे नगर पालिका बन रहा हो जबकि पंतनगर विवि का हिमालय की तरह अपना नाम है। यदि इसकी विशालता को इस तरह नगर पालिका से आच्छादित किया जायेगा तो विवि को नगर पालिका के नाम से जाना जायेगा ना कि विश्वविख्यात हरित क्रांति की जन्मस्थली पं. गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर नाम से।

आगे कहा कि, इससे पठन-पठान, शोध, प्रशासनिक कार्यों इत्यादि में टकराव हो सकता है तथा इससे विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले छात्र- छात्राओं का भी विश्वविद्यालय में प्रवेश में रुचि कम हो सकती है जिससे विवि को गहरा नुकसान होने की प्रबल संभावना होगी।

यदि सरकार पंतनगर विश्वविद्यालय को नगर पालिका में शामिल करती है तो दल उसका घोर विरोध करेगा। किसी भी दशा में विवि का अहित सहा नहीं जायेगा। आरोप लगाया कि पूर्व विधायक दो बार इस क्षेत्र से विधायक और विवि में प्रबंधक परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं लेकिन विवि हित एवं परिसर में कोई भी कार्य नहीं करा सके। हमेशा यहां के लोगों के केवल वोट बैंक की तरह प्रयोग किया गया।

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