बुद्ध पार्क में पिछले 50 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना खत्म होने की कगार पर, मिल सकती हैं बड़ी खबर

Update: 2022-09-18 10:25 GMT

हल्द्वानी न्यूज़: नर्सिंग के 2621 पदों पर वर्षवार नियुक्ति की मांग को लेकर हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में पिछले 50 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना, भूख हड़ताल पर बैठे नर्सिंग स्टाफ के संघर्ष की जीत के संकेत मिले हैं। सूत्रों की मानें तो नर्सेज सेवा नियमावली में संशोधन को लेकर कल देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में दो अहम बैठकें होने जा रही हैं। जिसमें नर्सिंग की वर्षवार नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला होने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो सोमवार, 19 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सचिव समेत न्याय सचिव एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ दोपहर करीब 1:30 बजे बैठक रखी गई है। ऐसे में नर्सेज आंदोलनकारियों की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं। बताते चलें कि धामी कैबिनेट ने 2621 पदों पर वर्षवार नियुक्ति के लिए मंजूरी दो माह पहले ही दे दी थी, लेकिन अब तक सचिवालय से वर्षवार नियुक्ति का शासनादेश सामने नहीं आ सका। जिसे लेकर समय समय पर आंदोलनकारी नर्सिंग स्टाफ रोष भी जाहिर कर चुके हैं। ऐसा तब है जब 12 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार द्वारा 2621 पदों पर स्टाफ नर्सेज की स्थाई नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी की गई थी, लेकिन आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी। जिसके बाद लगातार प्रदेशभर की नर्सेज स्टाफ आंदोलनरत हैं और कई बार स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा आदि का घेराव भी कर चुके हैं।

नर्सेज आंदोलन से जुड़े युवा पहाड़ी कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि नर्सेज द्वारा सरकार का बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया, उसके बाद शहीद पार्क में 2621 दीपक शहीदों के नाम जलाए। साथ ही कोरोना काल में कार्यरत शहीद नर्सेज के लिए हल्द्वानी के सभी अस्पतालों में श्रद्धांजलि के रूप में मोमबत्ती और दिये जलाए गए। हल्द्वानी से देहरादून सचिवालय तक पदयात्रा भी निकाली गई। इतना ही नहीं राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखने के बाद मुख्यमंत्री के जन्म दिवस पर खून से बधाई पत्र लिखा और प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर आंदोलन चलाने के लिए दुकानदारों के बीच भीख मांगने को भी मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में आंदोलनकारी नर्सेज के हक में फैसला आता है तो इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी।

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