सरकारी खर्च पर एक्जीक्यूटिव लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए ताइवान गए स्वास्थ्य महानिदेशक समेत 11 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ताइवान से लौटाने के छह माह बाद भी ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुभवों को लेकर शासन को कोई रिपोर्ट तक नहीं दी। लाखों रुपये खर्च उत्तराखंड को ट्रेनिंग प्रोग्राम का लाभ नहीं मिल पाया है।
नेशनल यूनिवर्सिटी ताइवान में 5 से 11 फरवरी 2023 तक एक्जीक्यूटिव लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया था। उसमें स्वास्थ्य विभाग के 11 अधिकारी सरकारी खर्च पर ताइवान गए थे। ट्रेनिंग प्रोग्राम के छह माह बाद भी इन अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित अनुभवों और सूचनाओं की रिपोर्ट शासन को नहीं दी।
इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने ताइवान दौरा करने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में कहा गया कि शासन को रिपोर्ट न देने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का कोई लाभ उत्तराखंड को नहीं मिला है। विदेश दौरा सरकारी धन के दुरुपयोग और सैर-सपाटा साबित हो रहा है।
ये गए ताइवान
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनिता शाह, एनएचएम निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, एसीएमओ नैनीताल डॉ. तरुण कुमार टम्टा, सीएमओ चमोली डॉ. राजीव शर्मा, सीएमओ ऊधमसिंह नगर डॉ. सुनीता रतूड़ी, जिला क्षय रोग प्रतिरक्षण अधिकारी हरिद्वार डॉ. राजेश कुमार सिंह, स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय के सहायक निदेशक डॉ. नरेश नपलच्याल, सहायक निदेशक डॉ. तुहिन कुमार, जिला क्षय रोग प्रतिरक्षण अधिकारी देहरादून डॉ. मनोज कुमार वर्मा, एसीएमओ अल्मोड़ा डॉ. दिपांकर, एसीएमओ पौड़ी डॉ. राजेश कुंवर शामिल थे।