देवभूमि क्राइम न्यूज़: मारपीट में बुरी तरह घायल घायल नीरज गैड़ा पांच दिन तक मौत से लड़ने के बाद हार गया। सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। उसे कुछ लोगों ने लाठी-डंडों और हाकी से बुरी तरह पीटा था और घटना के बाद से ही नीरज वेंटीलेटर पर था। नीरज की मौत के कुछ आरोपियों को पुलिस सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है, जबकि एक अभी भी फरार है। ये घटना बीती 6 जुलाई की है। सत्यलोक कालोनी डहरिया निवासी नीरज गैड़ा पुत्र आनंद सिंह गैड़ा के बड़े भाई गोविंद गैड़ा ने हरीश बृजवासी, मनीष सैनी, ललित मोहन नेगी, नीरज सम्बल और गुंजन गंगवार के खिलाफ कोतवाली में धारा 307, 147, 148 और 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में बहेड़ी बरेली उत्तर प्रदेश निवासी गुंजन गंगवार के अलावा सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोप था कि बीती छह जुलाई की रात हरीश बृजवासी उसे (गोविंद), उसके भाई नीरज को दोस्त कार्तिक वर्मा को अपनी कार से यह कहकर साथ ले गया कि वह घूमने जा रहे हैं। काठगोदाम से घूमने के बाद हरीश सभी को मंडी चौकी क्षेत्र स्थित शराब की दुकान के पास खाली पड़े प्लॉट में ले गया।
जहां हरीश शराब पीने लगा व अन्य को कुछ खाने के लिए कहा। वहां पहले से ही आठ-दस लोग मौजूद थे, जिनकी नीरज से कहासुनी हो गई और उक्त लोगों ने नीरज पर लाठी-डंडों और हॉकी से हमला बोल दिया। हरीश ने हमलावरों को नीरज को जान से मारने के लिए उकसाया। गोविंद और उसके दोस्त कार्तिक के शोर मचाने पर आरोपी मौके से फरार हो गए। नीरज को आनन-फानन में एसटीएच ले जाया गया। जहां हालत नाजुक होने पर उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वेंटीलेटर पर रहने के बावजूद नीरज की हालत में सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद नीरज को फिर से एसटीएच में भर्ती कराया गया। जहां सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। नीरज की मौत से घर में कोहराम मच गया। एसपी सिटी हरबंस सिंह ने बताया कि रिपोर्ट में दर्ज धाराओं को बढ़ाया जाएगा और फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दी गई हैं।
समझौता न करने पर दिया वारदात को अंजाम: हल्द्वानी। आरोप है कि नीरज की मौत के आरोपी हरीश का नीरज के परिवार से पहले से विवाद चल रहा था। करीब छह माह पहले नीरज की मां ने हरीश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में हरीश नीरज और उसके परिवार पर समझौते का दबाव बना रहा था, लेकिन नीरज और परिवार इसके लिए राजी नहीं हुआ। आरोप है कि इसी वजह से षडयंत्र के तहत हरीश ने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।