उत्तराखंड में रेवेन्यू कानून में सुधार की जरूरत

Update: 2023-02-18 14:35 GMT

नैनीताल: वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने कहा कि उत्तराखंड के रेवेन्यू कानून में सुधार की जरूरत है क्योंकि उत्तराखंड का रेवेन्यू कानून पिता की संपत्ति पर केवल पुत्र को अधिकार देता है, बेटियों को नहीं। खासकर विवाहित बेटियों को बिल्कुल नहीं। इस विषय पर उत्तराखंड सरकार को विचार करना चाहिए। इस पर उन्होंने निर्णय भी दिया है जो अभी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति रहे संजय कुमार मिश्रा को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर शनिवार को उच्च न्यायालय में आयोजित फुल कोर्ट रिफ्रेंस में विदाई दी गई। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने जस्टिस मिश्रा को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने पर वर्चुअल माध्यम से बधाई देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति मिश्रा ने अल्पकाल में छह हजार से ज्यादा वादों का निस्तारण किया, जिनमें उनके कई निर्णय भविष्य में न्याय दिलाने में काम आएंगे।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति एसके शर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति एके वर्मा, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, जी.ए. जीएस संधु, जेएस विर्क, मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, महासचिव विकास बहुगुणा, जिलाधिकारी व एसएसपी नैनीताल सहित न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता व हाईकोर्ट के कर्मचारी मौजूद रहे।

न्यायमूर्ति मिश्रा के ये फैसले रहे अहम: न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने अपने करीब डेढ़ साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए। कोरोना काल में जनहित याचिका निस्तारित करते कहा था कि यदि कोविड की चौथी लहर आती है तो इस जनहित याचिका में फिर से प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। एलटी कला वर्ग भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाया गया। दिल्ली-देहरादून एनएच के चौड़ीकरण पर लगी रोक को सामाजिक विकास व सुरक्षा की दृष्टि से इसका निर्माण होना आवश्यक बताकर हटाया गया।

राज्य सरकार को एसिड अटैक पीड़िता को 35 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया गया। चारधाम यात्रा में सुविधाओं की कमियां दो माह में पूरी करने का आदेश दिया। अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने के मामले में उन्होंने कहा था कि एसआईटी सही जांच कर रही है, उस पर संदेह नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के घर आगजनी के मामले में साक्ष्यों के अभाव पर उन्होंने आरोपियों को जमानत दी थी। 

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