एम्स ऋषिकेश में आयोजित नेशनल मेडिकोज के अधिवेशन का समापन हुआ
वक्ताओं ने अपने व्याख्यान में नशा मुक्त भारत की मुहिम को धार देने की बात कही
ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) के दो दिवसीय अधिवेशन का समापन हो गया। वक्ताओं ने अपने व्याख्यान में नशा मुक्त भारत की मुहिम को धार देने की बात कही। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले विजेता चिकित्सकों और मेडिकल के छात्र-छात्राओं को नवाजा गया। अधिवेशन में चार अहम प्रस्ताव भी पारित किए गए। अगला अधिवेशन राजस्थान में आयोजित होगा। संगठन के सचिव डॉ. अश्विनी टंडन ने बताया कि सभा में भारत सरकार के सर्वाइल कैंसर के इलाज में किशोरियों को लगाने वाली एचपीपी वैक्सीन निशुल्क लगाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी और पूर्ण समर्थन का निर्णय लिया। दूसरे प्रस्ताव में चिकित्सकों को सेवाकाल के दौरान कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने संबंधी लोकसभा में लाए बिल को सराहा गया। तीसरे प्रस्ताव में देश में नशामुक्ति अभियान को आगे बढ़ाने और नशामुक्त भारत के लिए इसे मजबूती से लागू करने तथा चौथे प्रस्ताव में चिकित्सकीय शिक्षा में डिजिटल हेल्थ एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक को संबद्ध करना शामिल है। बताया कि एनएमओ का अगला अधिवेशन राजस्थान में होगा।
एम्स ऋषिकेश के सभागार में आयोजित एनएमओ के अधिवेशन के दूसरे दिन समापन सत्र को आरएसएस के प्रचारक रमेश पप्पा जी ने संबोधित किया। कहा कि इस संगठन से जुड़े चिकित्सकों को संघ समाजसेवा और राष्ट्रसेवा के लिए भी प्रेरित करता है। चिकित्सक समाज के ही अंग हैं। लिहाजा, उन्हें स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से समाज और देश की सेवा के लिए हर समय पूरी तरह से तैयार रहना होगा। दिव्य प्रेम मिशन हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने सेवाभाव के प्रयासों पर विस्तृत प्रकाश डाला। बोले, चिकित्सक को लोग भगवान के रूप में देखते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को अपनाते समय हमें प्रत्येक रोगी से प्रेम की भावना रखनी चाहिए। डॉ. मार्कडेंय आहूजा ने चिकित्सकीय पेशे में दया, सेवा और करुणा भाव को सर्वोपरि बताया। कहा कि एनएमओ संगठन इन्हीं भावनाओं के साथ लोगों को समभाव की दृष्टि से देखता है। डॉ. चिंतामणि ने मेडिकल क्षेत्र में गुरु- शिष्य परंपरा विषय पर विभिन्न उदाहरण देते हुए विद्या और अविद्या के मायने बताए। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक गलती से कुछ न कुछ सीखते हैं और इससे हमें अपने में सुधार का अवसर प्राप्त होता है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल और सार्थक बताया। उम्मीद जताई कि अधिवेशन से ऊर्जा प्राप्त कर प्रतिभागी विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्रों में संकल्प के साथ जन स्वास्थ्य सेवा से जुड़ेंगे।