नैनीताल पुलिस शिकायतों का निस्तारण करने में रही असफल

Update: 2022-10-17 15:03 GMT

नैनीताल: उत्तराखंड पुलिस मोबाइल ऐप यानि घर बैठे न सिर्फ समस्याओं का समाधान, बल्कि एक जागरुक नागरिक की फर्ज अदायगी भी हो सकती है। लोग इस फर्ज को बखूबी अंजाम भी दे रहे हैं, लेकिन नैनीताल पुलिस लोगों द्वारा की जा रही शिकायतों का समाधान नहीं कर पा रही। इस मामले में नैनीताल पुलिस की साख को सबसे ज्यादा बट्टा यातायात पुलिस ने लगाया है। दरअसल, उत्तराखंड पुलिस ऐप में पुलिस के सभी विभागों के ऐप मौजूद हैं और इसी में एक ऐप है ट्रैफिक आई ऐप। इस ऐप का मकसद जन सहयोग के जरिये शहर के यातायात को दुरुस्त करना था, लेकिन यातायात पुलिस ऐसा नहीं कर सकी। इस ऐप में नैनीताल जिले की यातायात पुलिस को 3720 शिकायतें मिलीं। ये संख्या कुमाऊं के छह जिलों की यातायात पुलिस से कहीं अधिक है। बावजूद इसके यातायात पुलिस 3720 शिकायतों के सापेक्ष कुल 215 शिकायतों का निपटारा ही कर सकी और 3505 शिकायतें बाकी रह गईं। इसके बाद सबसे ज्यादा समस्याएं ट्रैफिक आई ऐप पर ऊधमसिंहनगर में दर्ज की गईं। यहां कुल 1379 शिकायतों में 1359 निपटा दी गईं और मात्र 20 ही बाकी रहीं। जबकि पिथौरागढ़ में 184 शिकायतों में से 67 निपटाईं गई और मात्र का एक निपटारा बाकी रह गया। इस मामले में अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत जिलों का काम सबसे अच्छा रहा। अल्मोड़ा में 57, बागेश्वर में 386 और चम्पावत में 558 शिकायतें दर्ज की गईं और सभी का निपटारा कर दिया गया।

नशा मुक्ति में पिछड़ा ऊधमसिंह नगर: नशा मुक्ति के मामलों में मिली शिकायतों में ऊधमसिंहनगर पिछड़ गया। यहां 17 में से 12 मामले निपटाए गए और पांच का निस्तारण बाकी रह गया। जबकि नैनीताल पुलिस ने 10 में आठ शिकायतें निपटाईं और मात्र दो बाकी रह गई। अल्मोड़ा और बागेश्वर ने सभी शिकायतों का निराकरण किया। जबकि चम्पावत का एक और पिथौरागढ़ एक भी मामला पेंडिंग नहीं है।

ऑनलाइन सत्यापन में भी पिछड़ा नैनीताल: पुलिस ऐप पर ऑन लाइन सत्यापन कराने की भी व्यवस्था है। नैनीताल को कुल 546 सत्यापन पत्र मिले और 388 सत्यापित हुए। जबकि 158 का सत्यापन बाकी है। ऊधमसिंहनगर में 1038 में 949 सत्यापन किए गए और 89 बाकी रह गए। पिथौरागढ़ में 285 में 246 के, अल्मोड़ा में 272 में 230 के, बागेश्वर में शत प्रतिशत और चम्पावत में 104 में 99 लोगों के ही सत्यापन किए गए।

साइबर क्राइम में भी लंबित हैं शिकायतें: साइबर क्राइम की ऑन लाइन मिली शिकायतों को निपटाने में भी नैनीताल सबसे पीछे है। यहां कुल 59 शिकायतें मिलीं और 39 का निपटारा किया गया, जबकि 20 बाकी रह गईं। ऊधमसिंहनगर में 123 के सापेक्ष 105 मामले निपटाए गए। इसी तरह अल्मोड़ा ने 16 में 10, बागेश्वर ने 11 में 11, चम्पावत ने 20 में 19 और पिथौरागढ़ ने 31 में 24 शिकायतों का निराकरण किया है।

छह जिलों में सबसे बेहतरीन बागेश्वर का काम: शिकायतें ट्रैफिक आई एप पर मिली हों या फिर नशा मुक्ति, साइबर क्राइम और सत्यापन के मामले हों, इन्हें निपटाने के मामले में बागेश्वर का काम सबसे बेहतरीन है। इन सभी मामलों में बागेश्वर को जितने भी मामले मिले, वो सभी निपटाए। जबकि अल्मोड़ा को 50, चम्पावत को आठ, नैनीताल को 3701, ऊधमसिंहनगर को 137 और पिथौरागढ़ को 47 शिकायतों का निराकरण करना बाकी है।

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