नैनीताल हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की याचिका की खारीज, जानिए पूरी खबर
नैनीताल कोर्ट रूम न्यूज़: शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने व लाखों हड़पने के मामले में सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र जोशी की अदालत ने सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने आरोपी मनीष महरा पुत्र चन्दन सिंह महरा निवासी सनगाड़ थाना कांडा, जिला बागेश्वर की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी का गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है। 12 सितंबर 2022 को कोतवाली लालकुआं पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया कि आरोपी मनीष से बागेश्वर में पढ़ाई में दौरान उसका परिचय हुआ। दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी और वह उसके घर पर आना-जाना करने लगा। आरोपी ने खुद को आर्मी का कर्मचारी बताकर पीड़िता के भाई को भारतीय सेना में भर्ती कराने का झूठा आश्वासन देकर लगभग 15 लाख हड़प लिए। जनवरी 2021 में मनीष ने जरूरी काम के बहाने हल्द्वानी के पटेल चौक स्थित होटल में उसे बुलाया। यहां पहुंचने पर आरोपी ने जबरन शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया। विरोध करने पर शादी का भरोसा दिलाया और संबंध बनाये। अपने भाई की भर्ती की प्रकिया पूछने पर झूठे आश्वासन देकर टालता रहा। यही नहीं कई बार हल्द्वानी क्षेत्र के होटलों में नौकरी के बहाने बातचीत करने को बुलाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाये और पीड़िता की अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर अपने खाते में और पैसे डलवाए।
बाद में कहने लगा कि भारतीय सेना में कार्यरत हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। आर्मी ही केस देखेगी और रिपोर्ट दर्ज कराई तो वीडियो वायरल करके बदनाम कर दूंगा। आरोपी के ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर उसने अपने भाई व पिता को सारी बातें बताई। पिता ने पैसे वापस करने के संदर्भ में कहा तो वाट्सअप कॉल के जरिये धमकी देने लगा। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर गलत नियत से पैसे ऐठने के लिए ब्लैकमेल करता रहा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क रखा कि अगर अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह विवेचना को प्रभावित कर सकता है. उसके विरुद्ध पूर्ण साक्ष्य एकत्र हो चुका है, अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार होने के बाद उसके भागने की प्रबल संभावना है। पीड़िता को उसके भाई की नौकरी लगाने के एवज में दोस्ती का हाथ बढ़ाकर छलकपट से कई लाख रुपए अपने व अपने दोस्तों के माध्यम से हड़प लिये हैं। पीड़िता ने अपनी भाई की नौकरी की आस में अपने लोगों से ब्याज में पैसे उठाकर आरोपित को दिए। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुराचार की पुष्टि हुई है। जिसके बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी।