MP प्रदीप टम्टा का कंगना रनौत पर निशाना, पूछा क्या वाजपेयी सरकार का कार्यकाल गुलामी का दौर था?
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री कंगना रनौत पर उनके 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर तंज कसा है. प्रदीप टम्टा ने कहा कि ऐसा बयान देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है.
जनता से रिश्ता। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री कंगना रनौत पर उनके 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर तंज कसा है. प्रदीप टम्टा ने कहा कि ऐसा बयान देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है. प्रदीप टम्टा ने सवाल पूछा कि अगर 2014 में असली आजादी मिली तो क्या अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का कार्यकाल भी गुलामी का दौर था.
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कंगना रनौत के 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला है. ग्वालाकोट में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कंगना रनौत का 'भीख में मिली आजादी' बयान दुर्भाग्यपूर्ण और अक्षम्य में है. उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश के लाखों लोगों ने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. जेलों में कठिन यातनाएं सही, लोगों के घरों की कुर्की तक कर दी गई. लेकिन भारत सरकार ऐसे लोगों को पद्मश्री से नवाज रही है, जो वीर शहीदों और लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को भीख बताते हैं.
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर 2014 में मोदी के अवतरित होने के बाद असली आजादी मिली तो क्या भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का कार्यकाल भी गुलामी का दौर था. उन्होंने भाजपा पर राष्ट्रीय सम्मान से जुड़े पदकों को गैर जिम्मेदार लोगों को देने का आरोप लगाते हुए गहरी नाराजगी जताई. साथ ही अभिनेत्री कंगना रनौत से गलत बयान करने के लिए देशवासियों से माफी मांगने की मांग की है.
गौर हो कि कंगना रनौत ने हाल ही एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली जब पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, 1947 में मिली आजादी एक भीख थी जो अंग्रेजों ने दी थी. कंगना के इस बयान से देशभर में हंगामा मचा हुआ है. कांग्रेस कंगना पर स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगा रही है और रनौत से पद्मश्री वापस लिये जाने की मांग हो रही है.