पीएम मोदी के संबोधन के बीच 'हवा' हुए कई मुद्दे, विपक्ष के सवाल नेपथ्य में गुम
पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ दौरे के दौरान वह संदेश देने में कामयाबी हासिल की जो बीजेपी की पार्टी लाइन मानी जाती है. हालांकि, पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर विपक्ष ने जनता का ध्यान हटाने की पुरजोर कोशिश की.
जनता से रिश्ता। पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ दौरे के दौरान वह संदेश देने में कामयाबी हासिल की जो बीजेपी की पार्टी लाइन मानी जाती है. हालांकि, पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर विपक्ष ने जनता का ध्यान हटाने की पुरजोर कोशिश की. महंगाई, रोजगार और विकास के मुद्दे भी विपक्षी पार्टियों ने खूब उछाले गए लेकिन, पीएम मोदी के 'करिश्मे' के आगे विपक्ष की ये कवायद फीकी ही दिखाई दी.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे और पूजा अर्चना की. साथ ही पूरे देश को केदारनाथ से संबोधित भी किया. वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी संगठन के शिवालयों पर पूजा अर्चना के कार्यक्रम को फेल करने और पीएम मोदी के दौरे से ध्यान हटाने के लिए अपना एक नया कार्यक्रम जारी किया. जिसमें महंगाई और बेरोजगारी को लेकर विरोध स्वरूप शिवालयों पर पूजा अर्चना का कार्यक्रम रखा गया.
कांग्रेस पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आगमन से पहले कोशिश करती रही कि प्रधानमंत्री के दौरे में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को हावी रखा जाए.
इसके लिए काफी हद तक सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफार्म पर जोरशोर से प्रयास भी किए गए लेकिन मोदी के उत्तराखंड पहुंचने और उनके संबोधन के बाद सबका ध्यान मोदी के संबोधन पर ही दिखाई दिया. हालांकि, इसके बावजूद कांग्रेस ने कुछ सवाल बीजेपी के सामने रखे और जनता को केंद्र से लेकर राज्य में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार की विफलता बताने की कोशिश की.
पूरे दिन विपक्षी पार्टियों के बीच मुद्दों पर दिखी खींचतान
पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ आगमन के साथ ही पूरे दिन भर चर्चा प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर ही नहीं बल्कि, विपक्षी दल भी मुद्दों को लेकर खींचतान पर ही व्यस्त दिखाई दिए. बीजेपी के नेता मोदी की सोच और लक्ष्य को फोकस करते हुए सब का ध्यान खींचने की कोशिश करते रहे तो विपक्षी दलों ने लोगों की समस्याओं पर ही बहस को चलाएं रखने की कोशिश की.
वहीं, इस मामले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कुछ अलग-अलग मुद्दों को लेकर एक ही लक्ष्य के साथ मोदी के दौरे को निशाना बनाती हुई दिखाई दी. उत्तराखंड में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले ही सक्रिय रूप से उसके विरोध और इस पर सवाल उठाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दी और यही कारण है कि मोदी के आगमन के साथ ही कांग्रेस ने अपने विरोध के कार्यक्रम भी तय किये.
कांग्रेस के एजेंडे में युवाओं की बेरोजगारी और महंगाई के साथ ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी का मुद्दा दिखाई दिया. उधर, आम आदमी पार्टी ने अपने एजेंडे में राज्य में एक के बाद एक तीन मुख्यमंत्री बनाना, भ्रष्टाचार को रोकने में नाकामयाबी और भू-कानून के साथ ही पलायन का मुद्दा रहा.
विपक्षी दलों के इन मुद्दों को लेकर एजेंडे पर भाजपा नेता कहते हैं कि बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ईमानदारी के साथ प्रयास में जुटे हुए हैं और जिस तरह से देश में कोरोना का मोदी सरकार ने बेहद गंभीरता के साथ खत्म किया है, उसी तरह से महंगाई पर भी केंद्र सरकार प्रयास में जुटी हुई है.