बैंक की जॉब छोड़कर गांव में दोस्त के साथ मशरूम के प्रोडक्ट बनाकर लाखो कमाया, 2500 लोगो को ट्रेनिंग भी दी

Update: 2022-06-15 09:50 GMT

देवभूमि न्यूज़: पलायन उत्तराखंड की बड़ी समस्या है। इससे लड़ना है तो हमें स्वरोजगार को अपनाना होगा, पहाड़ में रहकर खुद के लिए और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर जुटाने होंगे।टिहरी गढ़वाल के एक छोटे से गांव भैंसकोटी के रहने वाले कुलदीप बिष्ट और उनके दोस्त प्रमोद जुयाल यही कर रहे हैं। एमबीए करने वाले कुलदीप आज अपने दोस्त के साथ मशरूम की खेती से लाखों कमा रहे हैं। कुलदीप के पिता टीचर हैं, इसलिए वह चाहते थे कि कुलदीप पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब करें। एमबीए करने के बाद कुलदीप एक बैंक में जॉब करने लगे, लेकिन उनकी दिलचस्पी खेती में थी। उन्होंने अपने इसी विचार को अपने एक दोस्त प्रमोद जुयाल से भी साझा किया। साल 2017 तक क्योंकि उनके गांव में मशरूम की खेती ज्यादा नहीं होती थी, इसलिए दोनों दोस्तों ने खुद की जमा पूंजी लगाकर एक छोटी सी शुरुआत की। कुलदीप के दादाजी खेती करते थे। उनसे कुलदीप को काफी मदद मिली। आज वो मशरूम उगाने और इससे प्रोडक्ट बनाने का काम कर रहे हैं।

कुलदीप बताते हैं कि हमने 40 हजार रुपये लगाकर काम शुरू किया था। दिन में हम नौकरी करते थे और रात को खेती। पहली बार में अच्छा उत्पादन हुआ तो उत्साह भी बढ़ा। धीरे-धीरे हम बटन, ऑयस्टर, मिल्की मशरूम के साथ गेनोडर्मा, शीटाके और दूसरी कई किस्मों की मशरूम उगाने लगे। एक साल बाद हमले जॉब छोड़कर जेएमडी फार्म्स की शुरुआत की। प्रोडक्शन बढ़ा तो हमने टिहरी के अलावा देहरादून में भी काम शुरू कर दिया। आज कुलदीप और प्रमोद मशरूम से अचार, मुरब्बा, बिस्कुट और ड्राई पाउडर समेत कई प्रोडक्ट्स बना रहे हैं। आने वाले दिनों में वह मशरूम नूडल्स और मशरूम च्यवनप्राश बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। मशरूम के बिजनेस से उन्होंने पिछले साल 40 लाख का मुनाफा कमाया है। अच्छी बात ये है कि कुलदीप और प्रमोद न सिर्फ अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि दूसरे लोगों को ट्रेनिंग देकर उन्हें भी आत्मनिर्भर होने में मदद कर रहे हैं। अब तक वह 2500 लोगों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। अगर आप भी उनके बिजनेस के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो दिए गए नंबर्स 9634104201 या 8755897207 पर संपर्क कर सकते हैं।

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