जोशीमठ में भूधंसाव बना लोगों के लिए नासूर, लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चिंतित
जोशीमठ: एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड में आने वाली प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं पर अपनी तीसरी रिपोर्ट जारी की है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं। रिपोर्ट में जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चिंता जताई गई है।
रिपोर्ट का प्रमुख हिस्सा इस बार जोशीमठ के भूधंसाव को लेकर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के 500 से ज्यादा घर रहने लायक नहीं हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसके कारण उन्हें 24 दिसंबर को सड़कों पर उतरना पड़ा।
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार 'उदास' मंथली रिपोर्ट राजनीतिज्ञों, नीति निर्माताओं, अधिकारियों, शोधार्थियों, शैक्षिक संस्थाओं, सिविल सोसायटी आर्गेनाइजेशन और मीडिया के लोगों के लिए सहायक होगी। इसके साथ ही दुर्घटना और आपदाओं से होने वाले नुकसान के न्यूनीकरण के लिए नीतियां बनाते समय भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। उत्तराखंड आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। अपने अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन, भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में विशेष तौर पर आपदा तंत्र को मजबूत करने की सख्त जरूरत है।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। बुधवार को जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। अब तक 77 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गुरुवार को विशेषज्ञों का एक दल जोशीमठ आ रहा है।
जोशीमठ जाने वाले विशेषज्ञ दल में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) से डॉ. पीयूष रौतेला, उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) से डॉ. शांतनु सरकार, आईआईटी रुड़की से प्रो. बीके महेश्वरी, जीएसआई से मनोज कास्था, डब्ल्यूआईएचजी से डॉ. स्वपना मित्रा चौधरी और एनआईएच रुड़की से डॉ. गोपाल कृष्णा को शामिल किया गया है। इससे पहले विशेषज्ञों का यह दल 16 से 20 अगस्त 2022 के बीच जोशीमठ को दौरा कर पहली रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है। यह टीम अगले कुछ दिन जोशीमठ में ही रहकर सर्वेक्षण का कार्य करेगी। इस दौरान दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों के संबंध में टीम सरकार को रिपोर्ट देगी।
जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को रोकने के लिए अस्थाई सुरक्षा कार्य किए जाएंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि इन कार्यों को करने के लिए सिंचाई विभाग के प्रस्ताव पर छह फर्मों ने रुचि दिखाई थी। इनमें से चार फार्मों का चयन किया गया है। अब इन फर्मों के तकनीकी प्रस्तावों पर 20 जनवरी को निर्णय लेते हुए फर्म का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही असुरक्षित हो चुके भवनों में रह रहे लोगों को दूसरे स्थानों पर बसाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
सीएम पुष्कर सिंह धाम ने कहा कि भू-धंसाव के मामले की हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं। दो दिन पहले ही इस संबंध में मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट ली है। वहां जो भी जरूरत होगी, उसके अनुसार काम किया जाएगा। बृहस्पतिवार को विशेषज्ञों का एक दल वहां भेजा जा रहा है। मैं खुद वहां जाकर स्थिति की समीक्षा करूंगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ भूस्खलन के जोशीमठ भूस्खलन के आकलन को लेकर एक 14 सदस्यीय समिति का गठन किया है। प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी को समिति का संयोजक बनाया गया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष निर्देश पर समिति छह जनवरी को स्थलीय भ्रमण कर स्थानीय निवासियों, व्यापारियों तथा जन प्रतिनिधियों से वार्ता करेगी। इसके बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी।