'राफेल डील की हो JPC जांच', कांग्रेस नेता रागिनी नायक बोलीं- भ्रष्टाचार में डूबी है सरकार
त्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आते ही एक बार फिर कांग्रेस ने राफेल का राग अलापा है. कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने देहरादून पहुंचकर केंद्र सरकार पर राफेल डील को लेकर निशाना साधा है.
जनता से रिश्ता। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आते ही एक बार फिर कांग्रेस ने राफेल का राग अलापा है. कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने देहरादून पहुंचकर केंद्र सरकार पर राफेल डील को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने पांच बिंदुओं को उठाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा है कि राफेल डील जब 526 करोड़ रुपये में हुई थी, तो उसे 1600 करोड़ रुपये में आखिर क्यों खरीदा गया? उन्होंने कहा कि खरीदने की डील 126 राफेल के लिए की गई थी, मगर 36 राफेल की ही खरीदारी क्यों की गई. उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राफेल खरीद में ऑफिसियल सीक्रेट वॉयलेंस किया गया. क्योंकि जब राफेल की डील हुई थी तो उस समय एंटी करप्शन क्लॉज का भी जमकर उल्लंघन किया गया. ऐसे में डिफेंस प्रोक्योरमेंट की पॉलिसी में एंटी करप्शन क्लॉज आवश्यक है.
रागिनी का कहना है कि 24 जून, 2014 को पॉलिटिकल हाईकमान से मीटिंग कराने की बात सामने आई थी. ऐसे में 526 करोड़ की जगह 1600 करोड़ रुपये का राफेल कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि जब राफेल की डील हुई थी तो उस वक्त एंटी करप्शन क्लॉस का भी उल्लंघन किया गया.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राफेल डील के दौरान वायुसेना के अधिकारियों से भी वार्ता करना मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने क्लॉज का मामला उठाते हुए कहा कि यूपीए सरकार में यह क्लॉज लागू था लेकिन साल 2016 में एंटी करप्शन क्लॉज को हटा दिया गया. रागिनी नायक ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राफेल कि डील 41 हजार करोड़ रुपए की हो गई इस बात की जांच होनी चाहिए.
वहीं, उन्होंने चीन और पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि एलएसी की दूसरी तरफ लगातार बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है. नई हवाई पट्टियां बनने जा रही है. ऐसे समय में क्या वायु सेना के साथ केंद्र सरकार ने कोई विचार-विमर्श किया था कि 126 राफेल विमान की बात हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उसे घटाकर 36 कर दिया. ये केंद्र सरकार की लापरवाही उजागर करती है.