हल्द्वानी: आईवीआरआई मुक्तेश्वर में कार्यरत वेटनरी वैज्ञानिकों ने सातवें वेतन आयोग द्वारा प्राप्त एनपीए (नॉन प्रैक्टिस भत्ता) अनुचित ढंग से रोके जाने के विरोध में शांतिपूर्वक मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन के दौरान वैगनिकों ने एनपीए नहीं तो कार्य नहीं, शोध नहीं एवम शिक्षा नहीं का बोर्ड हाथ में थामा था। वैज्ञानिकों की मांग है की इस संबध में एनपीए तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए अन्यथा 10 जनवरी से शिक्षण कार्य बंद कर देंगे।
मुक्तेश्वर संस्थान में कार्यरत वैज्ञानिकों का कहना है कि वे लगातार 40 दिनों से शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं मगर अभी तक किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई है और चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर यदि गौर नहीं किया गया तो वे दस जनवरी से संस्थान में शिक्षण कार्य बंद कर देंगे।
बताया कि वित्त मंत्रालय की ओर से यह कहा गया है कि मूल वेतन का 20 फीसदी एनपीए के रूप में वेट वैज्ञानिकों को मिलना चाहिए। आईसीएआर के तहत आने वाले कुछ अन्य संस्थानों में यह मिल भी रहा है लेकिन बरेली और मुक्तेश्वर के वेटरनरी वैज्ञानिक इससे वंचित हैं। बताया कि कई बार मुख्यालय और स्थानीय स्तर पर पत्राचार भी किया गया लेकिन अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि यदि जल्द ही संस्थान की ओर से एनपीए देने के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया तो दस जनवरी से वेटरनरी वैज्ञानिक शिक्षण कार्य करना बंद कर देंगे। डॉ. बी मंडल, डॉ.सीएल पटेल, डॉ. विशाल, डॉ. चंद्रशेखर, डॉ. करम चंद नेगी, डॉ. इंद्र सेन, डॉ. अमोल, डॉ. अमित, डॉ. सिदार्थ,डॉ. नीतीश, डॉ. दीपिका और डॉ मधुसूदन आदि मौजूद रहे।