इंटरार्क मजदूर यूनियन के अध्यक्ष दलजीत सिंह को मिली जान से मारने की धमकी, मामला दर्ज

Update: 2022-10-06 11:03 GMT

हल्द्वानी न्यूज़: इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह को जान से मारने की धमकी मिली है। मामले की लिखित तहरीर रूद्रपुर बगवाड़ा पुलिस चौकी पुलिस को दी गई है जिसमें इंटरार्क कंपनी मालिक अरविंद नंदा, कॉरपोरेट अधिकारी महेश वर्मा, पंतनगर एवं किच्छा प्लांट हेड मनोज रोहिल्ला, एचआर हेड वीबी श्रीधर पर संदेह जताते हुए शिकायत की गई है और किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर इन्हीं लोगों को पूर्ण रूप से जिम्मेदार माना जाए। साथ ही पुलिस प्रशासन से आरोपियों पर तुरंत प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की गई है। इंटरार्क मजदूर संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी ऊधमसिंह नगर पुलिस प्रशासन एवं उत्तराखंड शासन की होगी।

दलजीत सिंह ने बताया कि पांच अक्टूबर को रात करीब 09:13 बजे वह अपने रॉयल रेजीडेंसी कॉलोनी स्थित घर पर थे, तभी उन्हें फोन नंबर 9027970228 से धमकी भरा फोन आया जिसमें गला काट देने और जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया। अपराधी व्यक्ति ने कहा कि तू किसान नेता राकेश टिकैत को बुलाकर लाया और धमकी दिलाई कि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को जाने वाले सभी छह रास्तों को किसान जाम कर देंगे तो उत्तराखंड सरकार 24 घंटे भी नहीं झेल पाएगी। ऐसा होने पर हम इंटरार्क कंपनी के लिए चाइना की ओर से रास्ता खुलवा देंगे। दलजीत सिंह ने कहा कि उक्त व्यक्ति के चाइना से रास्ता खुलवा देने का दावा करने के दुःसाहस से समझा जा सकता है कि उसकी पहुंच व नेटवर्क कहां तक है ? यह भारत देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इसलिए पुलिस प्रशासन एवं उत्तराखंड सरकार को ऐसे संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। दलजीत सिंह ने आशंका जताई है कि फोन पर धमकी देने वाले व्यक्ति की इंटरार्क कंपनी मालिक अरविंद नंदा, कॉरपोरेट के उच्च अधिकारी महेश वर्मा, प्लांट हेड मनोज कुमार रोहिल्ला और एचआर वीबी श्रीधर के साथ में सांठगांठ है।

इधर, पिछले चार वर्षों से शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे आंदोलन का नेतृत्व करने वाले इंटरार्क मजदूर संगठन के अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी की खबर से पूरे मजदूरों में रोष व्याप्त है। विरोध में इंटरार्क यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। मजदूरों ने दो टूक कहा है कि न्याय के लिए आवाज बुलंद कर रहे लोगों में तालिबानी सोच से दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है जो कि बिल्कुल भी बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है। इसी तरह से यूनियन के अन्य सदस्यों को भी धमकी भरे फोन आये हैं। इससे स्पष्ट है कि इंटरार्क मजदूरों के आंदोलन को तोड़ने और कमजोर करने को विरोधी लोग किस हद तक नीचता पर उतर आए हैं। लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैं बल्कि हमारे इरादे और अधिक मजबूत हुए हैं। ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने हमें सिखाया है कि आंदोलन में कामयाबी हासिल करने को त्याग, बलिदान करने को तत्पर रहना चाहिए।

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