गंगा किनारे धरोहर-2024 भारतीय शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया

वीरभद्र मार्ग स्थित एक आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Update: 2024-05-01 05:02 GMT

ऋषिकेश: गंगा तट पर श्रुति सरिता आर्ट के तत्वाधान में धरोहर-2024 भारतीय शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिल्ली के वायलिन वादक डॉ. संतोष नाहर ने मनमोहक प्रस्तुति दी। सोमवार को वीरभद्र मार्ग स्थित एक आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगीत संध्या की शुरुआत वायलिन वादक डॉ. संतोष नाहर ने राग चारुकेशी से की. उनके वादन ने श्रोताओं को धुनों से मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद उन्होंने भजन पायो जी मैं राम रतन धन पायो... की धुन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

तबले पर उनके साथ ऋषिकेश के प्रदीप कुमार ने संगत की। डॉ. नाहर ने विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत का महत्व, संगीत के सूक्ष्म तत्व, अपने संगीत अनुभव तथा अध्ययन की प्रकृति समझाकर मार्गदर्शन किया। डॉ. नाहर ने कहा कि शास्त्रीय संगीत हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा रहा है। कला के संस्थापक आशीष कुकराती ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत आत्मा का ईश्वर से मिलन है। अच्छा संगीत हमारे आंतरिक स्वरूप में कई सकारात्मक बदलाव लाता है। हम जो संगीत सुनते हैं उसका असर हमारे दिमाग पर पड़ता है।

संगीत सुरों का अभ्यास करने से हमारी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में एक विशेष प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन आता है। श्रुति-सरिता आर्ट भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रचार और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर साधना मिश्रा, आशीष कुकरेती, पवन कुमार मिश्रा, मनीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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