केदारनाथ में घोड़े के धक्के से 50 मीटर गहरी खाई में गिरी महिला
उत्तराखंड के चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम की यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम की यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों और तीर्थयात्रियों की एक साथ आवाजाही होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं. इसके अलावा पैदल मार्ग पर गंदगी फैली होने से तीर्थयात्री फिसल रहे हैं और चोटिल हो रहे हैं. यहां तक कि घोड़े खच्चरों से धक्का लगने पर तीर्थयात्री खाई में गिर रहे हैं, जिस कारण उन्हें गंभीर चोटें भी आ रही हैं.
दरअसल, केदारनाथ दर्शन करने जा रही सीधुबाई (उम्र 71 वर्ष) महादेव निवासी महाराष्ट्र भैरो गेदेरे के पास घोड़े से धक्का लगने के कारण 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई. इसकी सूचना परिजनों की ओर से जिला प्रशासन तक पहुंचाई गई. जिसके बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ टीम को राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटना स्थल के लिए रवाना किया.
एसडीआरएफ के जवानों ने घटना स्थल पर पहुंचकर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया और 50 मीटर गहरी खाई में गिरी महिला को पिट्ठू के जरिए मुख्य मार्ग पर लाया. जहां से दो किमी स्ट्रैचर के माध्यम से घायल महिला को विवेकानंद हाॅस्पिटल बेस कैंप केदारनाथ में उपचार के लिए पहुंचाया, जहां डाॅक्टरों की टीम ने घायल महिला का उपचार किया. एसडीआरएफ टीम की कार्यकुशला एवं तत्परता से घायल बुजुर्ग महिला की जान बच पाई.
केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थयात्री के सिर पर लगा पत्थरः दूसरी ओर शुक्रवार रात के साढ़े ग्यारह बजे के करीब केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे सुनील भिमराव भाले (उम्र 70 वर्ष) निवासी महाराष्ट्र के सिर पर पत्थर गिरने (stone fell on pilgrim) से वह चोटिल हो गया. पुलिस की ओर से सूचना डीडीआरएफ टीम को दी गई, जिसके बाद टीम की ओर से पैदल मार्ग के मीठा पानी से यात्री को जंगलचट्टी स्थित एमआरपी तक लाया गया. समय रहते यात्री को इलाज मिलने से उसकी जान बच गई.
केदारनाथ यात्रा पर आये तीर्थयात्री सीधुबाई महादेव एवं सुनील भिमराव भाले ने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह गंदगी फैली हुई है. यात्रा करने में काफी दिक्कतें हो रही हैं. पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद होने से पैर फिसल रहे हैं और घोड़े-खच्चर संचालक पैदल यात्रियों को कुछ नहीं समझ रहे हैं.
उनकी बदतमीजी से यात्री खासे परेशान हैं. उन्होंने कहा कि पैदल यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले सुलभ इंटरनेशल भी कोई कार्य नहीं कर रहा है. जगह-जगह गंदगी फैली हुई है और यात्री नाक पर रूमाल रखकर यात्रा करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को केदारनाथ यात्रा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.