एम्स में मरीजों की प्राथमिक चरण में ही हो सकेगी कैंसर की जांच

कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है

Update: 2024-04-04 04:51 GMT

उत्तराखंड: एम्स के लिए पीईटी सीटी मशीनें (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी) जल्द ही उपलब्ध होंगी। इससे कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है। पिछले साल एम्स प्रशासन को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड, मुंबई से इस अत्याधुनिक मशीन को स्थापित करने और खरीदने की अनुमति मिल गई थी। सरकारी एजेंसी के माध्यम से मशीन खरीदने का ऑर्डर दे दिया गया है। एम्स प्रशासन का कहना है कि एक-दो महीने में मशीन उपलब्ध हो जाएगी। पीईटी सीटी से कैंसर रोगियों का निदान और इलाज करने वाला एम्स उत्तराखंड का पहला सरकारी चिकित्सा संस्थान होगा।

एमआरआई और सीटी स्कैन जांच में 40 से 45 फीसदी मरीजों में कैंसर का शुरुआती दौर में पता नहीं चल पाता है। पीईटी सीटी मशीन शुरुआती चरण में कैंसर का पता लगाने में मदद करती है। इस मशीन की मदद से एमआरआई से भी ज्यादा तेजी से कैंसर का पता लगाया जा सकता है। अभी तक एम्स में कैंसर मरीजों की जांच एमआरआई और सीटी स्कैन के जरिए ही की जाती है। इस मशीन से इलाज का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मशीन इलाज के दौरान उन्हीं कोशिकाओं को टारगेट करती है जो कैंसर से प्रभावित होती हैं। इसका अन्य अंगों या कोशिकाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जिससे इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

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