हरिद्वार न्यूज़: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी रुड़की को देश में शिक्षा परिवर्तन का नेतृत्व करना चाहिए. जहां शिक्षा के केंद्र में मानवता की सेवा है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आईआईटी रुड़की का 22वां वार्षिक दीक्षांत समारोह को वर्चुअल संबोधित किया. दीक्षांत समारोह की शुरुआत छात्रों ने राष्ट्रगान और कुलगीत से की. समारोह में इस साल 2022 उपाधियां वितरित की गईं. इसमें 1005 स्नातक, 638 स्नातकोत्तर और 379 डॉक्टरेट उपाधियां शामिल रहीं.
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी रुड़की देश के विकास की गाथा में अग्रणी संस्थान रहा है. इस अमृत काल में संस्थान और छात्रों को साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र सुनिश्चित करना होगा. यह ज्ञान की सदी है. भारत की अध्यक्षता में जी-20 एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य को लेकर चल रहा है. उन्होंने कहा कि आईआईटी के संकाय, छात्र, पूर्व छात्रों को एक योजना बनानी चाहिए कि वह जी-20 के इस अवसर का उपयोग कैसे करना चाहते हैं.
समारोह की अध्यक्षता कर आईआईटी रुड़की अभिशासक परिषद (बीओजी) के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि संस्थान देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है. जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि तकनीकी से बदलाव आ रहे हैं. उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वह सीखना कभी न छोड़ें. हर गलती से सीख मिलती है. आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने स्नातकों को बधाई देते हुए समाज व राष्ट्र की भलाई के लिए शिक्षा का उपयोग करने का आग्रह किया.
आज का दिन परिवार के लिए बड़ा खास है. आज हमारी बेटी आईआईटी से ग्रेजुएट हो गई है. वह हमारे परिवार में इंजीनियर बनने वाली पहली लड़की है हमारा पूरे परिवार व्यापारी है. आज बेटी ने पूरे समाज के सामने सिर ऊंचा कर दिया है. मैं बड़े सम्मान से अब लोगों के सामने चलता हूं. अपील करूंगा कि बेटियों को जरूर शिक्षित करें.
-अर्जुन गोयल, अभिभावक
इन्हें मिले पदक
बीटेक (कंप्यूटर साइंस एवं अभियांत्रिकी) से लेशना बालरा को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल, बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी) से निखिल चौधरी को संस्थान रजत पदक प्रदान, बीटेक (यांत्रिक अभियांत्रिकी) से महक रैना को भारत के राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, पॉलीमर एवं प्रोसेस अभियांत्रिकी विभाग की पीएचडी धारक प्रज्ञा गुप्ता को एके गोयल ग्रीन एनर्जी प्राइज व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.
दो साल बाद हुआ समारोह
आईआईटी का दीक्षांत समारोह दो साल बाद हुआ. कोविड के कारण दो साल तक वर्चुल तौर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बार भौतिक तौर पर दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया.