मैं न तो पक्ष में हूं और न ही विपक्ष में हूं: पूर्व राज्यपाल कोश्यारी
केवल राष्ट्रवाद के रास्ते पर चल रहा हूं, जो अच्छा करता है, उसके पीछे रहता हूं: कोश्यारी
हरिद्वार: महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कनखल के जगद्गुरु आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आज मैं न तो पक्ष में हूं न विपक्ष में हूं। केवल राष्ट्रवाद के रास्ते पर चल रहा हूं, जो अच्छा करता है, उसके पीछे रहता हूं।
उन्होंने कहा कि कहा कि आज तक मैंने देखा कि संघ और भाजपा शुद्ध राष्ट्रवाद की राह पर चल रहे हैं। कोश्यारी ने सवाल भी उठाया कि कई अन्य भी चल रहे हैं, अगर नहीं चलते तो लोग मोदी के शरण में क्यों जाते। कहा कि इस देश में विपक्ष भी कह रहा है कि नेता तो सिर्फ मोदी हैं। पक्ष की बात तो दूर है। देश-विदेश में यूएई जैसी जगह पर स्वामी नारायण का दिव्य मंदिर बन रहा है। कोई किसी भी दल या विचारधारा का है तो उसे लग रहा है कि विदेशों में भी भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। यह बातें उन्होंने स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका के सवाल के जवाब में कही।
उन्होंने कहा कि स्वावलंबी और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बने यह परिकल्पना है। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक समरसता के साथ कार्यक्रमों में हिंदू भाई बहन एक साथ बैठें और एक साथ पूजा करें, इस तरह की समानता का प्रयास होना चाहिए। कहा कि असमानता को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, जो समाज सुधार का एक अंग है। उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने को सामाजिक असमानता को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। कहा कि सरकार सिविल कोड लाई है, सबने उसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु का काफी समय से उन्हें स्नेह मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु एक संन्यासी हैं, मैं सामान्य हूं। फिर भी मार्ग एक ही है, संन्यासी के रूप में वह कठिन तपस्या करते हैं। संतों के पास आने से प्रेरणा मिलती है।