नशे के लिए बदनाम गांजा-भांग बचाएगा लोगों की जान, IIT Kanpur करेगा शोध

Update: 2022-09-02 11:55 GMT
जब हम गांजे और भांग की बात करते हैं तो इसे नशे की चीज़ बोला जाता है. IIT Kanpur से एक अच्छी खबर आ रही है जिसमें वो एक शोध करेंगे और इन दोनों गांजे और भांग से कैंसर और मिर्गी की दवा बनाएंगे। इसी सन्दर्भ में IIT Kanpur का दवा कंपनी नीश एग्रीकल्चर एंड फार्मास्युटिकल्स के साथ एक करार हुआ है. दोनों [कंपनी और आई आई टी कानपुर] के विज्ञानी अब भांग के गुणों पर शोध करके कैंसर, मिर्गी, माइग्रेन,पुराने सिरदर्द, गठिया और अनिद्रा की दवा बनाने की कोशिश करेंगे।
नशे के लिए बदनाम गांजा और भांग में कई गंभीर बीमारियों के इलाज़ के गुण छिपे हैं और ऐसा देखकर ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विज्ञानी अब दवा कंपनी नीश फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के साथ मिलकर शोध करेंगे। बताया जाता है कि भांग का सीमित मात्रा में सेवन दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। इन्हीं गुणों को देखते हुए कैंसर, मिर्गी, माइग्रेन, गठिया, अनिद्रा की अच्छी दवा बनाने के लिए शोध किया जायेगा।
IIT Kanpur निदेशक और कंपनी चेयरमैन के बीच करार
IIT के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर और कम्पनी के चेयरमैन हरिशरण देवगन के बीच एक करार [MOU] साइन हुआ है जिसमें भांग के गुणों पर शोध के आधार पर दवायें बनायीं जाएँगी। कंपनी के चेयरमैन के अनुसार IIT के साथ समझौता होने से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भांग [कैनबिस ]के गुणों का इस्तेमाल करके बेहतर दवाई बनायी जा सकती है.
कंपनी के चेयरमैन का कहना है कि गांजा की खेती और बायो इंजीनियरिंग क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए आई आई टी के साथ Tissue Culture तकनीक पर भी मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि ये करार biotech उद्योग में अनुसंधान और विकास की नीवं रखेगा। हमारी भारतीय संस्कृति में भांग का व्यापक उपयोग होता है लेकिन हमे इसका सीमित ज्ञान है।

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